औद्योगिक प्रतिनिधियों ने दिया सुझाव, कहा- उत्तराखंड में खोले जाएं साहसिक पर्यटन

punjabkesari.in Sunday, Aug 30, 2020 - 11:31 AM (IST)

 

देहरादूनः वैश्विक महामारी कोरोना के कारण उत्तराखंड में पर्यटन उद्योग पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव तथा उनसे जुड़ी समस्याओं एवं सुझावों पर विचार-विमर्श के दौरान औद्योगिक प्रतिनिधियों ने साहसिक पर्यटन शुरू करने और क्वारंटाइन अवधि कम करने के सुझाव दिए हैं।

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर की मौजूदगी में होटल, राफ्टिंग, एयरो स्पोर्ट्स, सीआईआई और फिक्की के 20 से अधिक प्रतिनिधियों की शनिवार को यहां वर्चुअल बैठक में उद्योग प्रतिनिधियों ने यह सुझाव दिया। जावलकर ने सरकार की तरफ से उद्योग के कर्मियों को उपलब्ध करवाई जा रही मदद की जानकारी दी और उद्योग से सरकार को सहयोग करने की अपेक्षा जाहिर की। होटल उद्योग प्रतिनिधियों ने कोविड टेस्ट के सम्बंध में असमंजस की स्थिति से अवगत करवाया। साथ ही पर्यटकों हेतु क्वारंटाइन अवधि सात दिन से कम किए जाने का सुझाव दिया गया। राज्य के बॉर्डर पर पर्यटक सहायता केन्द्र भी स्थापित किये जाने के सुझाव दिए गए। शादी समारोह व अन्य कार्यक्रमों से सम्बन्धित आयोजनों में अधिकतम 50 अतिथियों की सीमा के स्थान पर प्रति वर्ग मी. के आधार पर अतिथियों की संख्या के निर्धारण करने का सुझाव दिया गया है।

ऑनलाइन बैठक के दौरान राफ्टिंग व साहसिक पर्यटन से जुड़े प्रतिनिधियों द्वारा साहसिक पर्यटन की गतिविधियों को खोले जाने का अनुरोध किया गया है। साथ ही ट्रैकिंग गतिविधियों को खोलने के लिए वन विभाग को दिशा-निर्देश जारी किए जाने का भी सुझाव दिया गया। साहसिक पर्यटन की गतिविधियों के संचालन हेतु एडवेंचर टुअर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इण्डिया (एटीएएआई) द्वारा तैयार की गई गाइडलाइन्स को प्रयोग में लाने का सुझाव दिया गया। सीआईआई के प्रतिनिधि ने पर्यटकों से जुड़ी समस्याओं एवं उनके समाधान के लिए कॉल सेंटर स्थापित किए जाने का सुझाव दिया। फिक्की के प्रतिनिधि द्वारा राज्य में पर्यटन को बढ़ाने के उद्देश्य से पर्यटकों को इन्सेन्टिव ध् डिस्काउंट दिए जाने के साथ ही सकारात्मक प्रचार अभियान चलाए जाने का भी सुझाव दिया गया। कोविड से सम्बन्धित सभी प्रोटोकॉल गाइडलाइन्स पर स्पष्ट आदेश जारी किए जाने के सुझाव दिए गए, जिसमें किसी प्रकार का असमंजस न हो।

वहीं जावलकर ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा पर्यटन उद्योग के कार्मिकों को तात्कालिक सहायता के रूप में 1000 रुपए प्रति कार्मिक उपलब्ध करवाए जाने हेतु धनराशि जिलाधिकारियों को उपलब्ध करवाई गई है, जिसमें लगभग 2.50 करोड़ की धनराशि वितरित भी की जा चुकी है।


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Nitika

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