एनएच-74 घोटाले में कांग्रेस के रवैये से किशोर उपाध्याय मायूस, बोले-कोई साथ नहीं खड़ा हुआ

punjabkesari.in Friday, Feb 23, 2018 - 01:53 PM (IST)

देहरादून/ब्यूरो। राज्य कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय एनएच -74 घोटाले में हुई एसआईटी पूछताछ के बाद कांग्रेस पार्टी के रवैये से मायूस हैं। उनका कहना है कि राज्य कांग्रेस संगठन को इस मामले में एसआईटीकी पूछताछ के बाद उनसे तुरंत संपर्क कर साथ में खड़ा होना चाहिए था। लेकिन राज्य कांग्रेस ने उन्हें इस मामले में अलग-थलग रखा। यहां तक कि उन्होंने स्वयं राज्य कांग्रेस अध्यक्ष को फोन पर जानकारी देनी चाही,लेकिन उनका फोन नहीं लगा। यह प्रदेश कांग्रेस संगठन की जिम्मेदारी बनती थी कि इस घटना का संज्ञान लेकर पार्टी एकजुटता दिखाती। लेकिन पार्टी ने अपने को इस तरह किनारा किया, मानो यह उनका कोई निजीमामला हो।

एनएच-74 भूमि मुआवजा घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने बुधवार को किशोर उपाध्याय से विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के नाम से खोले गए खाते के बारे में पूछताछ की थी। यह कहा जाता रहा है कि चुनाव सेठीक पहले खोले गए कांग्रेस के भारतीय स्टेट बैंक में नए खाते में करोड़ों रुपये जमा कराए गए। इस खाते में पैसा चेक, एनईएफटी और नकद के जरिए जमा कराया गया। इसमें अधिकांश पैसा कहीं और से नहीं, बल्कि भूमिअधिग्रहण के नाम पर मुआवजा लेने वाले काश्तकारों के जरिए जमा कराया गया। उस वक्त से यह मामला काफी गर्माया हुआ है।

अभी तक एसआईटी जांच में कई तथ्य सामने आए हैं जिसमें इस बात की पुष्टि हुई है किउक्त खाते में ऐसे कई लोगों के जरिए पैसा डाला गया है जिनकी जमीन एनएच-74 के लिए अधिग्रहीत हुई है। इस जमीन के लिए उन्होंने करोड़ों का मुआवजा लिया था। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष का कहना था कि उन्होंने एसआईटी के जरिए पूछे गए सवालों का सीधा-सीधा उत्तर दिया। अपने जवाब में उन्होंने स्पष्ट कहा कि किसी पार्टी का खाता इसी तरह खुल सकता है, जैसे आम लोगों के खाते खुलते हैं। खाता खुलने का मतलब यह नहीं था कि किसी पर पैसे डालने का दवाब डाला गया है।उन्होंने एसआईटी से स्पष्ट कहा कि वह पूछताछ के लिए अनूकूल व्यक्ति नहीं हैं। वह केवल पार्टी के अध्यक्ष थे। हालांकि पार्टी और सरकार ने अपना काम पारदर्शित से किया है। उन्हें पूछना ही है तो इसके लिए पूर्वमुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व वित मंत्री इंदिरा हृदयेश से पूछताछ कर सकती है।

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के नाते इस पूछताछ को बहुत सहजता से लिया है। यह एक सामान्य पूछताछ थी। किशोर उपाध्याय ने कहा कि ऐसे संवेदनशील अवसर पर पूरी पार्टी को एकजुट होकर सामने आना चाहिए था। इसके लिए कांग्रेस एकजुट होकर कह सकती थी कि ऐसी पूछताछ के बहाने विपक्ष को डराने की कोशिश की जा रही है। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। फोन पर भी मैं अपने राज्य अध्यक्ष से संपर्कनहीं कर सका। और न ही उनका या कांग्रेस संगठन के किसी जिम्मेदार व्यक्ति का फोन आया। केंद्रीय स्तर से भी किसी ने उनसे कोई बातचीत नहीं की।