लोकसभा चुनावः जानिए नैनीताल उधमसिंह नगर सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी हरीश रावत के बारे में

punjabkesari.in Tuesday, Mar 26, 2019 - 01:01 PM (IST)

देहरादूनः लोकसभा चुनावों को लेकर उत्तराखंड की पांचों सीटों पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया है। इसके साथ ही कांग्रेस के सभी प्रत्याशियों के द्वारा अपना नामांकन भी भर दिया गया है। इस खबर में हम आपको नैनीताल उधमसिंह नगर सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी हरीश रावत के बारे में बताने जा रहे हैं। 

हरीश रावत वर्तमान में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव 
हरीश रावत भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो कि फरवरी 2014 में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने। इसके साथ ही 5 बार भारतीय सांसद रह चुके हरीश रावत कांग्रेस के नेता हैं। 15वीं लोकसभा में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में जल संसाधन केन्द्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। हरीश रावत उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भी हैं। 

व्यक्तिगत जीवनः- 
हरीश रावत का जन्‍म 27 अप्रैल 1947 को उत्तराखंड के अलमोड़ा जिले के मोहनारी में एक राजपूत परिवार में हुआ। उत्तराखंड से अपनी स्‍कूली शिक्षा प्राप्‍त कर उन्होंने उत्तरप्रदेश के लखनऊ विश्‍वविद्यालय से बीए और एलएलबी की उपाधि प्राप्‍त की। 

पारिवारिक जीवनः- 
हरीश रावत के पिता का नाम राजेंद्र सिंह और माता का नाम देवकी देवी है। उनका विवाह रेणुका रावत से हुआ। उनके 2 बच्चे भी हैं। बेटा आनंद सिंह रावत भी राजनीति से जुड़ा है, जबकि बेटी अनुपमा रावत सॉफ्टवेयर के क्षेत्र से हैं और राजनीति में भी दखल रखती हैं। 

राजनीतिक जीवनः- 
व्यावसायिक तौर पर वह कृषि से जुड़े होने के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं और श्रमिक संघ से भी जुड़े रहे। विद्यार्थी जीवन में ही उन्होंने भारतीय युवक कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। 1973 में कांग्रेस की जिला युवा इकाई के प्रमुख चुने जाने वाले वह सबसे कम उम्र के युवा थे। 

हरीश रावत को 2001 में बनाया गया कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष 
हरीश रावत पहली बार 1980 में केंद्र की राजनीति में शामिल हुए, जब वह लेबर एंड इम्प्‍लॉयमेंट के कैबिनेट राज्‍यमंत्री बने। उन्होंने 7वें लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर उत्तराखंड की हरिद्वार लोकसभा सीट से जीत हासिल की जिसके बाद से वह लगातार उस सीट से जीतते चले आ रहे हैं। इसके बाद साल 1990 में वह संचार मंत्री बने और मार्च 1990 में राजभाषा कमेटी के सदस्‍य बने। 1999 में हरीश रावत हाउस कमेटी के सदस्‍य बने। 2001 में उन्‍हें उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस का अध्‍यक्ष बनाया गया। 

साल 1980 में अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ लोकसभा क्षेत्र से चुने गए सांसद 
हीं साल 2002 में वह राज्‍यसभा के लिए चुन लिए गए, 2009 में वह एक बार फिर लेबर एंड इम्प्‍लॉयमेंट के राज्‍यमंत्री बने। साल 2011 में उन्‍हें राज्‍यमंत्री, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण इंडस्ट्री के साथ संसदीय कार्यमंत्री का कार्यभार सौंपा गया। साल 1980 में हरीश रावत पहली बार अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुने गए। इसके बाद 1984 और 1989 में भी उन्होंने संसद में इसी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। 1992 में उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस सेवा दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का महत्वपूर्ण पद संभाला, जिसकी जिम्मेदारी वे 1997 तक संभालते रहे। 

पिछले लोकसभा चुनावों में हरिद्वार संसदीय सीट से मिली जीत 
राज्य निर्माण के पश्चात हरीश रावत प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बनाए गए और उनकी अगुवाई में 2002 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को बहुमत प्राप्त हुआ और उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार बनी। नारायण दत्त तिवारी के मुकाबले मुख्यमंत्री पद की दावेदारी से बाहर होने के बाद, उसी साल नवम्बर में हरीश रावत को उत्तराखंड से राज्यसभा के सदस्य के रूप में भेजा गया। बता दें कि पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान उन्होंने हरिद्वार संसदीय सीट से चुनाव लड़ा, जहां उन्होंने भारी मतों से जीत दर्ज की।

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