इस बार मोदी की सुनामी में BJP के इतिहास रचने के साथ ही उत्तराखंड में कई मिथक हुए ध्वस्त

punjabkesari.in Monday, May 27, 2019 - 06:25 PM (IST)

देहरादूनः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के रथ पर सवार होकर लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड में पांचों सीटों को शानदार प्रदर्शन के साथ अपने कब्जे में बरकरार रख सत्ताधारी भाजपा के इतिहास रचने के साथ ही राज्य में कई मिथक इस बार ध्वस्त हो गए। 

साल 2014 के प्रदर्शन को दोहराते हुए किया क्लीन स्वीप 
पहली बार राज्य में सत्ता संभाल रही पार्टी भाजपा ने साल 2014 के अपने प्रदर्शन को दोहराते हुए क्लीन स्वीप किया और राज्य में पड़े कुल मतों में से 61 फीसदी से ज्यादा वोट उसके पक्ष में गए। सभी सीटों पर भाजपा प्रत्याशी रिकॉर्ड मतों के अंतर से जीते। पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने वाले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने नैनीताल सीट पर दिग्गज कांग्रेस नेता हरीश रावत को 3.40 लाख मतों के अंतर से पटखनी दी जबकि अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ रहे तीरथ सिंह रावत ने पौड़ी गढ़वाल सीट पर बतौर कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव लड़ने वाले वरिष्ठ भाजपा नेता भुवन चंद्र खंडूरी के पुत्र मनीष खंडूरी को 3 लाख से अधिक मतों से हराया। टिहरी से मालाराज्य लक्ष्मी शाह ने 3 लाख से ज्यादा मतों से हरिद्वार में रमेश पोखरियाल निशंक ने 2.58 लाख और अल्मोड़ा से अजय टम्टा ने 2.32 लाख मतों के अंतर से अपने प्रतिद्वंदियों को मात दी। इससे पहले कभी प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई। साल 2014 में जब भाजपा ने पांचों सीटें जीती थीं तब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी। 

साल 2009 के चुनावों में कांग्रेस को मिली थी जीत 
वहीं साल 2009 के आम चुनावों में राज्य की पांचों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस को विजय हाथ लगी थी और उस समय राज्य में भाजपा की सरकार थी। साल 2004 के आम चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस के कार्यकाल के समय भाजपा के हाथ तीन सीटें लगी थीं जबकि एक सीट कांग्रेस और एक समाजवादी पार्टी ने जीती थी। टिहरी सीट पर तत्कालीन टिहरी रियासत की महारानी माला राज्यलक्ष्मी शाह की यह लगातार तीसरी जीत है। यहां कहा जाता है कि भगवान बद्रीनाथ के कपाट बंद रहने के दौरान मतदान होने पर टिहरी राजपरिवार के सदस्य को चुनावों में हार का सामना करना पड़ता है। 

हरिद्वार सीट से किसी भी सांसद के 2 बार नहीं जीत पाने का मिथक भी टूटा 
बता दें कि इस बार उत्तराखंड में 11 अप्रैल को मतदान हुआ था जबकि बद्रीनाथ के कपाट 10 मई को श्रद्धालुओं के लिए खुले थे। राज्य बनने के बाद हरिद्वार सीट से किसी भी सांसद के लगातार 2 बार नहीं जीत पाने का मिथक भी टूट गया। 2014 में यहां से सांसद चुने गए पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शानदार तरीके से इस बार दोबारा विजय प्राप्त की। इस संबंध में एक राजनीतिक प्रेक्षक ने कहा कि इस बार देश में मोदी की सुनामी ऐसी आई जिसमें सभी मिथक बह गए।

Nitika