सेना में अफसर बनने जा रहीं पुलवामा हमले में शहीद हुए मेजर विभूति की पत्नी

punjabkesari.in Tuesday, Feb 18, 2020 - 03:52 PM (IST)

 

देहरादूनः पुलवामा हमले के बाद आतंकियों पर कार्रवाई के दौरान शहीद हुए देहरादून के विभूति ढौंडियाल की आज पुण्यतिथि है। ऐसे में उत्तराखंड के साथ-साथ पूरा देश उन्हें याद कर रहा है। परिवार के लिए यह एक साल कैसा बीता? इस बात को शब्दों में बयां करना शायद ही संभव हो पाए लेकिन ठीक विभूति के शहीद होने के एक साल बाद घर में एक बार फिर से खुशी जरूर आई है। शहीद की पत्नी नितिका सेना में भर्ती होने जा रही है।

दिल्ली में मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाली नितिका का सब कुछ एकदम से खत्म हो गया था। विभूति की शहादत के बाद बूढ़ी मां के साथ अकेली रह रही नितिका ने मन बनाया कि वह भी अपने पति विभूति के नक्शे कदम पर चलते हुए सेना के लिए तैयारी करेंगे। नितिका ने बातचीत करते हुए बताया कि यह इतना आसान नहीं था लिहाजा इसके लिए ना केवल दोनों परिवारों की इजाजत बेहद मायने रखती थी। इसके साथ ही सेना का सहयोग भी बेहद मायने रखता था और ऐसे में सभी ने उनको प्रेरित किया और सबसे ज्यादा अगर किसी ने प्रेरित किया तो वह विभूति ढौंडियाल थे।

नितिका कहती हैं कि वे भले ही शारीरिक रूप से आज उनके साथ न हों लेकिन उन्हें मानसिक रूप से आज भी उनका साथ हमेशा मिलता है नितिका ने कहा कि फिलहाल वो सेना की तरफ से आने वाले कॉल लेटर का इंतजार कर रही हैं। उन्होंने अपनी तरफ से हर परीक्षा को पूरी तत्परता और परिश्रम के साथ दिया है। लिहाजा अब उन्हें इंतजार है कि सेना की तरफ से जब ग्रीन सिग्नल मिलेगा तो एक बार फिर से अपने पति की तरह ही वह सेना की वर्दी में दिखाई देंगी। नितिका कहती हैं कि वह बिल्कुल आश्वस्त हैं कि सेना में भर्ती होने से उनके आगे किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं आएगी। नितिका कहती हैं कि एक साल कैसे बीता है, यह हम जानते हैं क्योंकि किसी की यादों को बुलाना तो आसान नहीं होता। आज भी जब पूरा परिवार एक साथ बैठता है तो उनकी शरारती बातें और उनकी आदतें हमको कभी हंसाती है तो कभी रुलाती भी है।

शहीद विभूति की मां कहती है कि बहू के सेना में जाने से उन्हें ठीक वैसा ही लग रहा है जैसा विभूति के सेना में भर्ती होने से लगा था। उन्होंने कहा कि उनका बेटा भले ही आज दुनिया में नहीं है लेकिन उन्हें लगता है कि उनकी बहू ही विभूति के रूप में उनके घर में एक बार फिर से सेना की वर्दी में आने वाली है। उन्हें इस बात को सोचकर ही बेहद खुशी हो रही है। बता दें कि 18 अप्रैल 2018 को पुलवामा हमले के मुख्य आरोपी गाजी रशीद को मार गिराया गया था। 100 घंटे चले इस ऑपरेशन में भारतीय सेना के मेजर विभूति ढोंडियाल की शहादत हुई थी। देहरादून के रहने वाले मेजर विभूति ढोंडियाल इस ऑपरेशन को लीड कर रहे थे और ऑपरेशन में उनके साथ 4 जवान भी शहीद हुए। आज मेजर विभूति की शहादत को 1 साल पूरा हो गया है।

Nitika