थराली उपचुनाव: मुन्नी देवी ने लिया नामांकन पत्र तो गुड्डू ‘लाल’

punjabkesari.in Monday, May 07, 2018 - 06:56 PM (IST)

देहरादून: थराली विधानसभा क्षेत्र के लिए होने वाला उप चुनाव दिलचस्प रूप ले चुका है। जीत सुनिश्चित करने के लिए जिस गुड्डू लाल शाह को भाजपा ने पूरे ताम-झाम के साथ संगठन में शामिल करने की घोषणा की थी, वह फिर से बागी हो चुके हैं। उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने साफ किया है कि भाजपा अब चाहे कुछ भी कर ले, वह अपना निर्णय नहीं बदलेंगे। गुड्डू लाल शाह पुराने भाजपाई हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में थराली क्षेत्र (सु) से टिकट नहीं मिलने पर वह बागी हो गए थे और निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे। उन्हें सात हजार से अधिक मत मिले थे। भाजपा विधायक मगन लाल शाह के आकस्मिक निधन के बाद जब दोबारा वहां चुनाव कार्यक्रम तय हुए, तो कांग्रेस ने आनन-फानन जीतराम को प्रत्याशी घोषित कर दिया। जीत राम वर्ष 2017 में भी कांग्रेस के उम्मीदवार थे और मगन लाल शाह से चुनाव हार गए थे।

 

जीत राम के दोबारा मैदान में उतरने के बाद भाजपा खेमे में बेचैनी पैदा होने लगी। भाजपा हर हाल में यह सीट दोबारा जीतना चाहती है, इसलिए भाजपा ने बड़ा दांव खेला। एक सप्ताह पूर्व भाजपा के बागी नेता और पूर्व निर्दल प्रत्याशी गुड्डू लाल शाह को दोबारा पार्टी में शामिल कर लिया गया। गुड्डू लाल को पार्टी में शामिल करने के बाद भाजपा मान कर चल रही थी कि कम से कम दस हजार ‍वोटों का फायदा मिलेगा। लेकिन यह दांव उलटा पड़ गया है। गुड्डू लाल ने फिर से बागी तेवर अपना लिया है। उन्हें लगता है कि संगठन में उनकी उपेक्षा हो रही है। गुड्डू लाल चाहते हैं कि भाजपा थराली से उन्हें ही प्रत्याशी बनाए। इस संबंध में कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलने पर वह विरोध में खड़े हो गए। भाजपा सूत्रों का कहना है कि भले ही भाजपा ने अभी मुन्नी देवी को अधिकृत प्रत्याशी घोषित नहीं किया है, परंतु उन्होंने नामांकन पत्र खरीद लिया है। दस मई को वह नामांकन करेंगी। इस सूचना के बाद गुड्डू लाल पूरी तरह से बौखलाए हुए हैं।

 

भाजपा ने दिया धोखा : गुड्डू लाल
सोमवार को उन्होंने मीडिया को बताया कि भाजपा ने उन्हें और थराली की जनता को धोखा दिया है। इसका परिणाम उसे भुगतना पड़ेगा। गुड्डू लाल शाह ने ऐलान किया है कि वह निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे। अब भाजपा कुछ भी कर ले। गुड्डू लाल के मुताबिक, अजय भट्ट ने भी कहा है कि आप अपनी मर्जी के मालिक हैं। जो जी चाहे करें। हालांकि भाजपा सूत्रों का दावा है कि गुड्डू लाल दबाव की राजनीति कर रहे हैं। उन्हें पहले से पता है कि टिकट नहीं मिलने वाला है। वह संगठन में कोई बड़ा ओहदा पाना चाहते हैं। 

 

इसके लिए दबाव बना रहे हैं। रविवार की रात पार्टी अध्यक्ष अजय भट्ट और सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुडडू  लाल को काफी समझाने का प्रयास किया, पर वे नहीं माने। सीएम ने भी साफ कह दिया कि एक सीट हार जाने से संगठन और सरकार की सेहत पर कोई फर्क नहीं पडे़गा। उधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी पहले ही तय कर चुके हैं कि पैनल की ओर से सुझाए गये नामों से किसी एक नाम पर मुहर लगनी है। यह अधिकार संसदीय बोर्ड के पास होता है।

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