सुर और संगीत का स्वरूप है मां भगवती का चंद्रघंटा रूप

punjabkesari.in Wednesday, Mar 21, 2018 - 06:21 PM (IST)

हरिद्वार: उत्तराखंड में मां भगवती के 9 रूपों की आराधना का उत्सव नवरात्र भक्ति भाव के साथ मनाया जा रहा है। मां भगवती के शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा अर्चना करने के पश्चात तृतीय स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना कर मनवांछित फल की प्राप्ति होती हैं। 

संसार में सुर संगीत का संचार करने वाली मां चंद्रघंटा के मस्तक पर अर्धचंद्र है और उनका वाहन सिंह है। उनके घंटे की ध्वनि से समस्त आसुरी शक्तियों का नाश हो जाता है। साधक को सौम्यता, शीतलता और सुर संगीत का वरदान देने वाली मां चंद्रघंटा शान्ति का संदेश भी देती हैं। 

मां चंद्रघंटा को पीला रंग बहुत प्रिय है। पीले रंग के वस्त्र धारण कर पूजा अनुष्ठान में पीली वस्तुओं, पीले पुष्पों के साथ महिषासुर मां चंद्रघंटा की उपासना करने से साधक का मन मणिपुर चक्र में प्रविष्ठ होता है। देवी साधक की सभी प्रकार से रक्षा करते हुए सांसारिक कष्टों और दुखों से मुक्ति प्रदान करती है।

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