हाथियों पर लाल मिर्च का इस्तेमाल करने के कदम पर HC ने लगाई रोक, वन संरक्षक से मांगा जवाब

punjabkesari.in Wednesday, Oct 16, 2019 - 05:41 PM (IST)

नैनीतालः उत्तराखंड में नैनीताल हाईकोर्ट ने विश्व प्रसिद्ध कार्बेट पार्क से सटे कॉरिडोरों में हाथियों पर नियंत्रण करने के लिए वन विभाग के ओर से लाल मिर्च का इस्तेमाल करने के कदम पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।

कोर्ट ने कहा कि कॉरिडोरों पर मानव जीवन के बजाय वन्य जीवों खासकर हाथियों का पहला अधिकार है। इसके साथ ही अदालत ने कॉरिडोरों पर हुए अतिक्रमण एवं राजमार्गों पर वाहनों पर नियंत्रण करने के मामले में केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय और उत्तराखंड के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक एवं प्रमुख वन संरक्षक से 2 सप्ताह में जवाब पेश के निर्देश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ ने ये निर्देश दिल्ली की इंडिपेंडेंट मेडिकल इनिशिएटिव सोसाइटी की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते मंगलवार को जारी किए।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया कि वन विभाग की ओर से कोर्ट में जवाब पेश किया गया। वन विभाग ने माना कि कॉर्बेट पार्क से सटे 3 हाथी कॉरिडोरों पर हाथियों पर नियंत्रण करने के लिए उसके द्वारा मई 2019 से मिर्च और पटाखों का प्रयोग किया जा रहा है। वन विभाग की ओर से यह भी कहा गया है कि साउथ पाडली-दून हाथी कोरिडोर पर मोहान के पास हाथियों को राजमार्ग पार करने से रोकने के लिये वन विभाग की ओर से विभिन्न प्रकार से लाल मिर्च एवं पटाखों का प्रयोग किया जा रहा है। मैनाली ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली खंडपीठ ने इसे गंभीरता से लिया और वन विभाग द्वारा किए जा रहे मिर्च के प्रयोग पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है।

बता दें कि याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को यह भी बताया गया कि उत्तराखंड में हाथियों के 11 कॉरिडोर हैं। कार्बेट पार्क से सटे 3 कॉरिडॉर साऊथ पाडली-दून, चिल्किया-कोटा, मलानी-कोटा कॉरिडोरों पर लगभग 70 प्रतिशत अतिक्रमण हो गया है। इन कॉरिडोरों के बीच में बड़े बड़े रिसॉर्ट का निर्माण किया गया है। मैनाली ने बताया कि कोर्ट ने कॉरिडोरों पर हुए अतिक्रमण के मामले में एवं राजमार्गों पर रात में चलने वाले वाहनों पर नियंत्रण के मामले में केन्द्र सरकार और वन विभाग से 2 सप्ताह में शपथ पत्र पेश करने को कहा गया है। कोर्ट ने दोनों से याचिका में उठाए गए सभी बिन्दुओं पर जवाब पेश करने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद होगी। इससे पहले याचिकाकर्ता संस्था की ओर से कहा गया था कि वन विभाग रामनगर-मोहान के बीच 27 किमी. क्षेत्र में हाथियों के नदी में जाने पर रोक लगा रही है और इसके लिए मिर्च का प्रयोग कर रही है। याचिका में यह भी कहा गया है कि कॉर्बेट पार्क से सटे 3 कॉरिडॉर अतिक्रमण का शिकार हो गए हैं।
 


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Nitika

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