औली में होने वाली ‘शाही शादी'' पर नैनीताल HC सख्त, हेलिकॉप्टरों के परिचालन पर लगाई रोक

punjabkesari.in Tuesday, Jun 18, 2019 - 11:03 AM (IST)

नैनीतालः उत्तराखंड में नैनीताल हाईकोर्ट ने ऑली में 2 प्रवासी भारतीयों की प्रस्तावित ‘शाही शादी' के मामले को गंभीरता से लेते हुए सिर्फ शादी के लिए हेलिकॉप्टरों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।

जानकारी के अनुसार, शादी समारोह को लेकर दायर एक याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को ऑली के पारिस्थतिकीय तंत्र पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव पर नजर रखने के निर्देश दिए। वहीं मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन तथा न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ ने भी इस पूरे मामले को बेहद गंभीरता से लिया। कोर्ट ने कहा कि उत्तराखंड महत्वपूर्ण राज्य है जो पूरे देश की जनता को पानी तथा विशुद्ध पर्यावरण उपलब्ध करवाता है। ऐसे में राज्य को बर्बाद होने से बचाना होगा। देश को बचाना है तो उत्तराखंड को सुरक्षित रखना होगा।

कोर्ट ने सवाल किया कि सिर्फ औली में ही शादी करने की अनुमति क्यों दी गई? कोर्ट ने माना कि यह खतरनाक प्रवृत्ति है और आगे से यह परंपरा बन जाएगी। देश का आम आदमी कहां जाएगा? लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 18 जून तय की है। इस दौरान कोर्ट  ने सरकार को निर्देश दिया कि वह कोर्ट में बताए कि औली में जिस क्षेत्र में शाही शादी हो रही है वह चमोली जिले में स्थित संवेदनशील बुग्याल का हिस्सा है या नहीं? इसके साथ ही अदालत ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को भी कोर्ट में उपस्थित होने को कहा है। उसने बोर्ड को निर्देश दिया है कि वह शाही शादी से हिमालयी पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम करने के संबंध में अपनी राय दे। इसके साथ ही उसने बोर्ड के विशेषज्ञों को शाही शादी से औली क्षेत्र के पर्यावरण को होने वाले नुकसान पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं।

बता दें कि चमोली जिले के औली में दक्षिण अफ्रीका में रह रहे 2 भारतीय उद्योगपति बंधुओं, अजय गुप्ता और अतुल गुप्ता के एक-एक बेटे की शादी का समारोह 18 से 22 जून तक आयोजित किया गया है। शादी में देश-विदेश के मेहमानों का पहुंचना तय है। इसके लिए सभी तैयारियां हो गई हैं लेकिन शहनाइयां बजने से पहले मामला नैनीताल हाईकोर्ट पहुंच गया। कोर्ट के अधिवक्ता रक्षित जोशी की ओर से इस मामले को न्यायालय में चुनौती दी गई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एमसी पंत और चक्रधर बहुगुणा ने बताया कि याचिकाकर्ता की ओर से दायर जनहित याचिका में औली के संवेदनशील पर्यावरण को होने वाले नुकसान को मुद्दा बनाया गया। इसके साथ ही कहा गया कि शादी के लिए नियमों तथा कानूनों को ताक पर रखा जा रहा है।

Nitika