उत्तराखंडः नई तकनीक से रुकेगा भूस्खलन, निर्बाध होगी चारधाम यात्रा

punjabkesari.in Sunday, Aug 05, 2018 - 06:00 PM (IST)

देहरादूनः उत्तराखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी ऑल वेदर सड़क परियोजना में बरसात के मौसम में पहाड़ी रास्तों पर जगह-जगह होने वाले भूस्खलन को रोकने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इससे चारधाम यात्रा निर्बाध रूप से चलती रहेगी और साल भर आने वाले पर्यटकों को भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।

भूस्खलन के 38 स्थल किए गए चिन्हित 
जानकारी के अनुसार, गढ़वाल हिमालय में स्थित चारधाम यात्रा- बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा को अवरोधमुक्त, सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए पूरे चारधाम मार्ग पर भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील 38 स्थल चिन्हित किए गए हैं। इन स्थानों पर भूस्खलन को रोकने के लिए खास तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।   पहाड़ों से दरक कर नीचे आने वाले पत्थरों और मलबे को रोकने के लिए अब तक एक सुरक्षा दीवार बनाई जाती थी जो तेज बारिश होने की स्थिति में टूट-फूट जाती थी। इसे मरम्मत कर बार-बार ठीक करना पड़ता था लेकिन अब नई तकनीक से पहाड़ का ऐसा उपचार किेया जाएगा, जिससे पहाड़ों के दरकने से पत्थर सड़क पर ना आने पाएं।

भूस्खलन रोकने के लिए गैबियन तकनीक का किया जा रहा इस्तेमाल 
ऑल वेदर सड़क परियोजना में लगी मुख्य निर्माण एजेंसी राष्ट्रीय राजमार्ग-लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता हरि ओम शर्मा ने बताया कि इस परियोजना में चिन्हित स्लाइड जोन्स को रोकने के लिए गैबियन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसमें सुरक्षा दीवार बनाने के बाद पहाड़ों की स्केलिंग करके उनमें 12 मीटर गहरे एंकर्स डाले जा रहे हैं और वायर रोप नेटिंग की जा रही है। नेटिंग के बाद उसमें हाइड्रोसीडिंग की जाएगी जिससे उस स्थान को प्राकृतिक रूप दिया जा सके। उन्होंने बताया कि एक बड़ा भूस्खलन क्षेत्र माने जाने वाले सांखरीधार में इसी विधि से उपचार किया गया है और इस मानसून सीजन में अब तक वहां एक कंकड़ भी गिरकर नीचे नहीं आया।  


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