उत्तराखंड में पलायन आयोग का सर्वे पूरा, रिपोर्ट में रिवर्स माइग्रेशन का जिक्र

punjabkesari.in Sunday, Mar 18, 2018 - 03:41 PM (IST)


देहरादून/ब्यूरो। उत्तराखंड के गांवों से पलायन रोकने को गठित पलायन आयोग ने प्रदेश के सभी गांवों का सर्वे कर लिया है। इस सर्वे में कुछ गांवों में रिवर्स माइग्रेशन पाया गया, तो कुछ गांव अच्छे हालात में पाए गए। 15 अप्रैल तक आयोग अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगा। 17 सितम्बर 2017 को प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में पलायन आयोग का गठन किया था। एसएस नेगी आयोग के उपाध्यक्ष बनाए गए थे। ग्रामीण इलाकों से लगातार हो रहे पलायन की हकीकत जानने और जन सहभागिता से इसे रोकने के लिए नीति बनाने की जिम्मेदारी आयोग को सौंपी गई है। शनिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि पलायन आयोग की पहली रिपोर्ट 15 अप्रैल तक शासन को मिल जाएगी। इस रिपोर्ट में पलायन के विभिन्न आयामों एवं पलायन की गम्भीरता से सम्बन्धित आंकड़ों का अध्ययन होगा। पलायन आयोग के उपाध्यक्ष एसएस नेगी ने बताया कि पलायन आयोग की वेबसाइट तैयार हुई की गई है। इससे लोगों के सुझाव प्राप्त करने में आसानी होगी।

उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा प्रदेश के सभी गांवों में शत-प्रतिशत सर्वे कर लिया गया है। सर्वे में ग्रामवासियों के पलायन से संबन्धित विभिन्न तथ्यों पर जानकारी जुटाई गई है। सर्वे के दौरान कई गावों में रिवर्स माइग्रेशन भी सामने आई है। कई गांवों में लोगों की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी भी मिली है। ऐसे गांव को प्रदेश के अन्य क्षेत्र के लिए माडल बनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि आयोग का कार्यालय पौड़ी के ग्राम्य विकास विभाग के भवन में काम कर रहा है। अप्रैल प्रथम सप्ताह में अपने भवन में शिफ्ट हो जाएगा। बताते चलें कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार प्रदेश के लगभग ढाई लाख घरों में ताले लटके हुए हैं। पिछले 17 सालों में तीन हजार से अधिक गांव खाली हो चुके हैं। एक लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि बंजर हो चुकी है। यदि हालात नहीं बदले, तो पूरा का पूरा पहाड़ खाली हो जाएगा। इस स्थिति से बचने के लिए पलायन रोकने पर गंभीरता से विचार हो रहा है।

आयोग की वेबसाइट का उद्घाटन
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में पलायन आयोग की वेबसाइट (www.uttarakhandpalayanayog.com) का उद्घाटन किया था। मुख्यमंत्री ने आयोग की वेबसाइट को महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा था कि इससे लोगों को अपनी बात और सुझाव रखने का महत्वपूर्ण मंच मिलेगा। पलायन आयोग अच्छा कार्य कर रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में खाली भूमि के उपयोग हेतु कई लोगों ने ऑफर किया है।

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