खस्ताहाल की मार झेल रहे शहीदों के नाम पर बने चौराहे और स्मारक

punjabkesari.in Monday, Jan 15, 2018 - 07:57 PM (IST)

देहरादून/ब्यूरो।अगर कोई यह कहे कि हमें अपने शहीदों का सम्मान करना आता है, तो यह कतई गलत नहीं होगा। शहीदों ने भले ही देश के लिए अपनी जान दे दी हो लेकिन हम उनके नाम पर बने शहीद स्मारकों, शहीद पार्कों और चौक-चौराहों की देखभाल नहीं कर पाते। देहरादून शहर में परम वीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद के नाम पर एक चौराहा है। इस चौराहे पर लगे बोर्ड की दशा इतनी खराब है कि किसी भी जागरूक नागरिक को शर्म आ जाए,लेकिन शहर के जिम्मेदार प्रशासकों को शर्म नहीं आती। 

शहर के कचहरी रोड का नाम वीर अब्दुल हमीद किए हुए बारह साल हो गए हैं लेकिन आज वहां पर लगा बोर्ड पर धूल फांक रहा है। इस बोर्ड पर तरह तरह के पोस्टर चिपके हुए हैं। शहर में आते जाते लोगों में शायद ही किसी की नजर इस पर पड़ती हो। नगर निगम ने भी इसकी सुध नहीं ली कि 1965 में भारत-पाक युद्ध के अमर बलिदानी वीर अब्दुल हमीद के स्मारक को सजाकर लोगों के लिए दर्शनीय बनाया जाए।

इसी जगह पर पुलिस यातायात की छोटी चौकी भी है।लेकिन इस चौराहे के आसपास कचरा हमेशा पड़ा रहता है। वीर अब्दुल हमीद ने 10 सितंबर 1965 को भारत पाक युद्ध के समय खेमकरण में अद्भुत पराक्रम दिखाते हुए शहादत पाई थी।

उन्हें भारत सरकार की तरफ से परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। देहरादून में उनकी याद में कचहरी चौराहे का नाम बदल कर अब्दुल हमीद चौक किया गया। बाद में मेयर विनोद चमोली के हाथों यहां शहीद के नाम पर बोर्ड भी लगाया गया। इसके बाद इस जगह की कोई सुध नहीं ली गई।