उत्तराखंड में भी लागू हो सकता है NRC कानूनः मुख्यमंत्री

punjabkesari.in Monday, Sep 16, 2019 - 03:13 PM (IST)

देहरादूनः एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) को लेकर पूरे देश में एक नई बहस शुरू हो गई है। इसी के चलते हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बाद अब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एनआरसी को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि राज्य में भी एनआरसी लागू हो सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बारे में मंत्रिमंडल से विचार-विमर्श करेंगे। उसके बाद ही इस बारे में कोई फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भी एनआरसी लागू करने पर विचार किया जा सकता है। एनआरसी को घुसपैठ रोकने का सबसे अच्छा तरीका बताते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड भी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से घिरा है। जरूरत पड़ी तो उत्तराखंड भी एनआरसी लागू करेगा। बता दें कि राज्य के उधमसिंह नगर जिले के कई क्षेत्रों में बंगलादेशी लोगों की संख्या अधिक है। बंगलादेश के गठन के समय काफी तादात में लोग उत्तराखंड भी आए थे। 

क्या है आखिर एनआरसी
असम अब तक भारत का पहला और एकमात्र ऐसा राज्य है, जिसके पास राष्ट्रीय नागरिक पंजी है। नागरिकता के लिए प्रस्तुत लगभग 2 करोड़ से अधिक दावों की जांच पूरी होने के बाद न्यायालय द्वारा एनआरसी के पहले मसौदे को 31 दिसंबर 2017 तक प्रकाशित करने का आदेश दिया गया था। 31 दिसंबर 2017 को बहु-प्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का पहला ड्राफ्ट प्रकाशित किया गया। कानूनी तौर पर भारत के नागरिक के रूप में पहचान प्राप्त करने हेतु असम में लगभग 3.29 करोड आवेदन प्रस्तुत किए गए थे, जिनमें से कुल 1.9 करोड़ लोगों के नाम को ही इसमें शामिल किया गया है।
 


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Nitika

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