विपक्ष बजट सत्र में सरकार को घेरने के लिए तैयार, कई ठोस मुद्दे किए तलाश

punjabkesari.in Tuesday, Feb 27, 2018 - 03:22 PM (IST)

देहरादून: इस बार विधानसभा का बजट सत्र हंगामेदार होगा। गिनती में विपक्ष के विधायकों की संख्या भले ही कम हो पर उसने सरकार को घेरने के लिए कई ठोस मुद्दे तलाश लिए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने बताया कि बजट सत्र में सरकार से कई सवाल पूछे जाएंगे। महंगाई, भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था के साथ ही गैरसैंण, एनएच-74 की जांच में पक्षपात, ट्रांसपोर्टर और किसानों द्वारा की जा रही आत्महत्या जैसे मुद्दों पर सरकार को जवाब देना पड़ेगा। मौजूदा सरकार सभी मोर्चों पर फेल रही है। 

विपक्ष सरकार को घेरने के लिए तैयार
प्रकाश पांडे की आत्महत्या और एनएच-74 घोटाले जैसे मामलों पर सरकार को जवाब देना भारी पड़ेगा। विधानसभा के पिछले बजट में गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने के साथ ही एनएच-74 घोटाले को लेकर जमकर हंगामा हुआ था। एक साल बाद भी स्थितियां जैसे की तैसी है। इसके बावजूद भी विपक्ष के पास दो मजबूत हथियार है। इसके साथ ही भाजपा के एक साल के शासनकाल में आधा दर्जन किसानों की आत्महत्या करना जैसा मुद्दा भी सरकार को घेरने का पूरा मन बना लिया है। विधानसभा का बजट सत्र पेश होने में अभी लगभग 25 दिन रह गए हैं, लेकिन नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश और प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम के नेतृत्व में कांग्रेस के विधायक अपने मुद्दों को अभी से धार दे रहे हैं। 

एनएच 74 मामले में भाजपा के मंत्रियों से पूछताछ क्यों नहीं 
एनएच-74 के मामले में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सीबीआई जांच करवाने का दावा किया था। इसके बाद में सीबाईआई जांच खारिज हो गई और इस पूरे मामले की जांच एसआईटी से करवाई जा रही है। एसआईटी ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष से पूछताछ की है और संकेत मिल रहे हैं कि हरीश रावत और प्रीतम सिंह जैसे वरिष्ठ कांग्रेसी से भी पूछताछ की जाएगी। इसी कारण कांग्रेस नाराज है और सरकार पर एसआईटी के द्वारा सियासी रंजिश निकालने का आरोप लगा रही है। सत्ता पक्ष से कांग्रेस का सीधा सवाल है कि बाकी राजनीतिक दलों के खातों की जांच क्यों नहीं की गई और तत्कालीन राजस्व मंत्री जो कि अब भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं, से पूछताछ क्यों नहीं हो रही है? पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लगातार यह सवाल दोहरा रहे हैं। 

प्रकाश पांडे के मुद्दे पर विपक्ष द्वारा सरकार को घेरने की तैयारी 
इसी तरह प्रकाश पांडे के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी है। प्रकाश पांडे की मौत के बाद जिलाधिकारी नैनीताल ने सरकार की ओर से दस लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की गई थी। बाद में सीएम ने मुआवजा देने से इंकार कर दिया और विपक्ष पर घिनौनी राजनीति करने का आरोप लगाया। सरकार की कथित वायदा खिलाफी विपक्ष का बड़ा हथियार हो सकता है।