3 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन, वैज्ञानिकों ने विभिन्न विषयों पर विस्तार से की चर्चा

punjabkesari.in Thursday, May 17, 2018 - 11:12 AM (IST)

देहरादूनः उत्तराखंड में ग्लेशियरों पर ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते प्रभाव और हिमालयी क्षेत्रों में तेजी से हो रहे परिवर्तन विषय पर 3 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। 

जानकारी के अनुसार, कार्यशाला में वैज्ञानिकों ने विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की।इस कार्यशाला में देश-विदेश के बहुत से वैज्ञानिक मौजूद हैं। इस दौरान भूकम्प, नदियों का उद्गम, ग्लेशियरों की स्थिति, हिमालय में लैंडस्केप और केदारनाथ में 2013 की आपदा सहित अन्य बिंदुओं पर वैज्ञानिक अध्ययन कर रहे हैं। बता दें कि ग्लेशियरों के पिघलने का मुख्य कारण ग्लोबल वार्मिंग को माना जाता है।

वाडिया इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रदीप श्रीवास्तव ने कहा कि हर साल हिमालय के जंगलों में लगने वाली आग का ग्लेशियरों पर क्या प्रभाव पड़ रहा है। भूकम्प के लिहाज से उत्तराखंड काफी संवेदनशील क्षेत्र है। यहां पर ऐसी तकनीकें विकसित की जाएं जिन पर भूकम्प का कम से कम असर हो। 

Nitika