कीचड़ से परेशान तीर्थयात्री, फिसलकर हो रहे चोटिल, DM ने मांगी रिपोर्ट

punjabkesari.in Tuesday, May 01, 2018 - 09:17 PM (IST)

रुद्रप्रयाग/ (प्रदीप सेमवाल 'हिमांशु'): केदारनाथ यात्रा शुरू होते ही देशभर से आए तीर्थयात्रियों के समक्ष सरकार और रूद्रप्रयाग जिला प्रशासन के दावों की कलई खुल गई। गौरीकुंड से केदारनाथ तक करीब 20 किलोमीटर के पैदल रास्ते पर यात्रियों को तमाम दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है। आपदा के पांच साल बाद भी सच यह है कि केंद्र और राज्य सरकारें केदारनाथ में करोड़ों रुपये बर्फ साफ करने में खर्च कर अपनी पीठ थपथपाती आ रही हैं। यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी पैदल मार्ग पर ही हो रही है। 

 

सरकारें इसे सुव्यवस्थित करने के बजाय केदारनाथ को पिकनिक स्पॉट बनाने पर तुली हैं। केदारनाथ की राह में फैली अव्यवस्थाएं सरकार की नाकामी को उजागर कर रही हैं। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ नहीं आए। यहां तक कि कपाट खुलने के मौके पर इस बार प्रदेश के मुख्यमंत्री तो क्या, कोई मंत्री तक मौजूद नहीं रहा। रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी पिछले तीन माह से दावा कर रहे थे कि यात्रा व्यवस्थाएं समय पर चाक-चौबंद कर दी जाएंगी। केदारनाथ यात्रा आरम्भ होने के बाद अब जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल खुद स्वीकार कर रहे हैं कि यात्रियों को अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ रहा है। 

 

हर पल खतरे में यात्रियों की जान:
तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए केदारनाथ पैदल मार्ग को चौड़ा करने की बात हुई थी। यह कार्य कहीं भी पूरा नहीं हुआ है। हालात इतने खराब हैं कि चौडीकरण से भीमबली से ऊपर रूद्राबैंड तक का रास्ता जरा सी बारिश होने पर कीचड़ में तब्दील हो जा रहा है। बाहरी राज्यों के यात्रियों चढ़ाई और उतराई में तो दिक्कत आ ही रही है। कई यात्री फिसलकर चोटिल भी हो रहे हैं। ऐसे में वे हर पल जान को जोखिम में डाल आगे बढऩे को मजबूर हो रहे हैं। रूद्रप्रयाग प्रशासन पीडब्ल्यूडी के हवाले से यात्रा से पहले ही पैदल मार्ग ठीक हो जाने के दावे कर रहा था। यात्रा शुरू होते ही इन दावों की हवा निकल गई। 

मेडिकल कैंप में न दवा-न डॉक्टर: 
मेडिकल सुविधा के नाम पर पैदल मार्ग पर तंबू तो गाड़ दिए गए हैं, लेकिन इनमें न तो दवा है, न उपकरण और न ही डॉक्टर। कुछ कैंप में फार्मेसिस्ट बिठाए गए हैं, मगर या तो बीपी नापने की मशीन ही नहीं है या फिर खराब पड़ी है। 

पर्याप्त संख्या में नहीं शौचालय:
गौरीकुंड से पहले पांच किलोमीटर तक कहीं कोर्ई शौचालय नहीं बनाया गया है, जबकि उससे आगे जो शौचालय बनाए गए हैं, वे भी पांच-पांच किलोमीटर दूर हैं। जो शौचालय बने हैं, उनमें सफाई के अभाव में गंदगी भरी पड़ी है। 

पुलिस महकमा भी सुस्त:
यात्रा की शुरूआत में ही पुलिस की सुस्ती भी सामने आने लगी है। यात्रा के पहले दिन जयपुर से आए तीर्थ यात्रियों के 60 हजार रुपये चोरों ने पलक झपकते ही उड़ा लिए। मानसरोवर, जयपुर के गणपति लाल शर्मा और उनका परिवार चारधाम यात्रा पर आया है। 29 अप्रैल को केदारनाथ दर्शनों को रवाना होते वक्त गौरीकुंड स्थिति तप्त कुंड में स्नान के दौरान उनकी रकम चुरा ली गई। पुलिस का रवैया भी पीडि़त पक्ष के साथ अच्छा नहीं रहा।

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