चंपावत में भूस्खलन के कारण फंसे दर्जनों लोग, धामी ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा

punjabkesari.in Thursday, Jul 22, 2021 - 03:06 PM (IST)

 

देहरादूनः उत्तराखंड के चंपावत जिले में टनकपुर-घाट राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगातार बारिश से कई स्थानों पर हुए भूस्खलन के कारण करीब दो दर्जन लोग अब भी फंसे हुए हैं। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी में बादल फटने से प्रभावित गांवों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया।

टनकपुर-घाट राष्ट्रीय राजमार्ग पर विश्रामघाट में भूस्खलन के कारण यातायात अवरूद्ध होने से फंसे लोगों के लिए चंपावत जिला प्रशासन द्वारा ठहरने और भोजन-पानी की व्यवस्था की गई है। मलबे को साफ कर मार्ग खोलने का कार्य किया जा रहा है। चंपावत के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मनोज पांडे ने बताया कि लगातार बारिश के दौरान मंगलवार को राष्ट्रीय राजमार्ग पर 8 स्थानों पर पहाड़ों से हुए भूस्खलन के चलते यातायात बंद हो गया था, जिससे करीब 150 लोग फंस गए थे। उन्होंने बताया कि इनमें से ज्यादातर लोगों को देवीधुरा के रास्ते हल्द्वानी भेज दिया गया जबकि करीब 2 दर्जन लोग अब भी अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए मार्ग से मलबा साफ होने का इंतजार कर रहे हैं।

|पांडे ने बताया कि सात स्थानों पर मंगलवार शाम तक वाहनों का आवागमन सुचारू कर दिया गया लेकिन विश्रामघाट में भारी मलबा आने तथा लगातार बारिश होने से मार्ग अभी साफ नहीं हो पाया है। उन्होंने बताया कि मंगलवार दोपहर बनलेख चौकी के पास भूस्खलन होने से एक केंटर और एक कार के खाई में गिरने से घायल हुए 5 यात्रियों को प्रशासन द्वारा अस्पताल में भर्ती कराए जाने के अलावा उनमें से प्रत्येक को 4300 रुपए की सहायता राशि दी गई है। चंपावत जिले में बाराकोट तहसील के रोनीगाड़ में बारिश के दौरान एक महिला बह गई, जिसकी खोज के लिए भी तलाश और बचाव अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री धामी उत्तरकाशी में बादल फटने से प्रभावित गांवों मांडौ और कंकराडी की स्थिति का जायजा लेने के लिए बुधवार को वहां पहुंचे और प्रभावितों को सरकार से हर संभव मदद का भरोसा दिया।

सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के साथ मौके पर पहुंचे मुख्यमंत्री ने मांडौ और कंकराडी गांवों के लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने ग्रामीणों की मांग पर उत्तरकाशी के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित को भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण करा गांव के विस्थापन की प्रक्रिया शुरू करने के भी निर्देश दिए। इस दौरान, मुख्यमंत्री ने आपदा पीड़ितों को आपदा राहत की मदद से 4 लाख रुपए के अतिरिक्त एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से दिए जाने की भी घोषणा की मांडौ गांव में रविवार देर रात बादल फटने से एक बालिका समेत एक परिवार की तीन महिलाओं की मृत्यु हो गयी थी जबकि निकटवर्ती कंकराड़ी गांव में एक व्यक्ति लापता हो गया था। बुधवार को उसका शव साड़ा गांव से बरामद हो गया, जिसके साथ ही घटना में मरने वालों की संख्या चार हो गई।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Nitika

Recommended News

Related News

static