उत्तराखंड: 1.4 लाख के सापेक्ष्य अब तक बने 17 हजार से भी कम आवास, मुख्य सचिव नाराज

punjabkesari.in Wednesday, Jun 13, 2018 - 05:45 PM (IST)

देहरादून: 2022 तक सभी को आवास मुहैया कराने की केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना को पलीता लग सकता है। उत्तराखंड में इस योजना की प्रगति काफी धीमी है। 1.4 लाख आवास के सापेक्ष्य अभी तक 17 हजार आवास भी तैयार नहीं हुए हैं। इस स्थिति को देखते हुए मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने गहरी नाराजगी जताई है। आवास विभाग को समय से लक्ष्य पूरा करने को कहा गया है।

 

बुधवार को मुख्य सचिव ने योजना-2022 तक सबके लिए आवास योजना की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि 2022 तक हर हाल में प्रदेश में हर बेघर को घर मुहैया कराना है। मुख्य सचिव ने अब तक की प्रगति पर असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने  निर्देश दिए कि आवास विभाग एमआईएस को और अधिक मजबूत करें। मॉनीटरिंग की व्यवस्था हर स्तर पर की जाए। यदि जरूरत हो, तो नगर निकायों के अधिकारियों और स्टाफ की ओरिएंटेशन ट्रेनिंग कराई जाए।

 

सचिव ने दिया प्रगति का ब्योरा
बैठक में सचिव आवास आरके सुधांशू ने बताया कि लाभार्थी आधारित निर्माण योजना के अंतर्गत 14898 आवास बनाए जाने हैं। जिनके पास 30 वर्ग मीटर की जमीन है, उसे 2 लाख रुपये की सब्सिडी मकान बनाने के लिए दी जाएगी। अब तक 11860 लोगों को लाभ पहुंचाया गया है। भागीदारी में किफायती आवास के तहत 38472 आवास बनाए जाने हैं। इसके तहत जिनके पास जमीन नहीं है, उसे 30 वर्ग मीटर के आवास हेतु 2.50 लाख रुपये सब्सिडी दी जाएगी। इसमें 2864 लोगों को लाभ दिया गया है। ऋण से जुड़े अनुदान द्वारा किफायती आवास (क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम) में 14248 आवास बनाए जाने हैं।

885 नए निर्माण का अनुमोदन
समीक्षा बैठक में बीएलसी घटक के अंतर्गत 14 नगर निकायों से प्राप्त 885 आवासों  के निर्माण का अनुमोदन किया गया। ये आवास कपकोट, डोईवाला, मंगलोर, कोटद्वार, बड़कोट, नौगांव, चिन्यालीसौड़, पोखरी, हल्द्वानी, नानकमत्ता, बाजपुर, बेरीनाग, चंपावत और किच्छा में बनाए जाएंगे।

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