उत्तराखंड के निजी स्कूलों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, फीस मांगने के मामले में नहीं मिला स्टे

punjabkesari.in Thursday, May 28, 2020 - 12:55 PM (IST)

देहरादूनः लॉकडाउन के दौरान उत्तराखंड के निजी स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई करवाने, तीन महीने की फीस मांगने और एजुकेशन एक्ट के मामले में स्थगन की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले निजी स्कूल प्रबंधकों को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, कोर्ट ने निजी स्कूल प्रबंधकों को स्टे नहीं दिया है।

हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे के लिए गए थे सुप्रीम कोर्ट
बता दें कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और समाजसेवी कुंवर जपेंदर सिंह ने निजी स्कूलों द्वारा फीस मांगने, फीस एक्ट न होने और ऑनलाइन पढ़ाई करने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। वहीं इस मामले में हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को निजी स्कूलों की पूरी जानकारी कोर्ट में रखने के निर्देश दिया था। इसके बाद निजी स्कूल प्रबंधक हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गए। वहीं बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने स्टे देने से इनकार कर दिया।

ऑनलाइन पढ़ाई कराने का तर्क दे रहे निजी स्कूल
प्रिसिंपल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कश्यप और चिल्ड्रेन अकेडमी के अतुल राठौर द्वारा सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर की गई। वहीं दूसरी याचिका सेंट जूडस स्कूल की ओर से दायर की गई। बुधवार को दोनों याचिकाओं पर सुनवाई हुई। इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले कुंवर जपेंदर सिंह का कहना है कि स्कूल बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई कराने का तर्क दे रहे हैं। लेकिन, छोटे बच्चों के ऑनलाइन पढ़ाई कैसे करवाई जा रही है। इसलिए स्कूलों का फीस लेना अनुचित है। उन्होंने कहा कि स्कूलों की मनमानी की पूरी बात कोर्ट में रखी जाएगी। वहीं हाईकोर्ट से इस मामले में सीबीआई जांच कराने की गुहार लगाई जाएगी।


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Ramanjot

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