कल से शुरू होगी बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया

punjabkesari.in Monday, Nov 15, 2021 - 12:53 PM (IST)

 

उखीमठः उत्तराखंड में विश्व प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया मंगलवार से पंच पूजा के साथ शुरू हो जाएगी। राज्य चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने कहा कि मंगलवार से भगवान बद्री विशाल जी की पंच पूजाएं शुरू हो जाएगी। गणेश भगवान की पूजा एवं कपाट मंगलवार को बंद होंगे।

17 नवंबर आदि केदारेश्वर जी के कपाट बंद हो जाएंगे। 18 नवंबर को खडग पुस्तक पूजन होगा। इस दिन से वेद ऋचाओं का पाठ बंद हो जाएगा इसके बाद 19 नवंबर को मां लक्ष्मी जी की पूजा एवं आह्वान होगा। 20 नवंबर को शाम 6 बजकर 45 मिनट पर बद्रीनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। डॉ. गौड़ ने बताया कि कपाट बंद होने के बाद 21 नवंबर को प्रात: आदि गुरु शंकराचार्य जी की पवित्र गद्दी रावल सहित उद्धव, कुबेर जी योग -ध्यान बदरी पांडुकेश्वर पहुंचेंगे। उद्धव एवं कुबेर जी योग-ध्यान बद्री पांडुकेश्वर में विराजमान हो जाएंगे। उन्होंने कहा 22 नवंबर को आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी एवं रावल नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगे। योग बद्री पांडुकेश्वर एवं नृसिंह बदरी जोशीमठ में शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जाएंगी।

मीडिया प्रभारी ने बताया कि ऋषिकेश स्थित चारधाम यात्रा बस टर्मिनल पर सभी विभागों यथा- चिकित्सा, पुलिस, परिवहन, यात्रा प्रशासन संगठन, पर्यटन, देवस्थानम बोर्ड,नगरनिगम के हेल्प डेस्क-यात्री पूछताछ काउंटर अभी भी कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि हरिद्वार एवं ऋषिकेश यात्रा बस अड्डे से तीर्थयात्री बद्रीनाथ धाम रवाना हो रहे है। बद्रीनाथ में व्यवस्थाएं सुचारू हैं। केदारनाथ भगवान की पंचमुखी उत्सव मूर्ति 06 नवंबर को कपाट बंद होने के बाद 08 नवंबर को पंचकेदार शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में स्थापित होते ही भगवान केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजाएं शुरू हुई। उन्होंने बताया कि कपाट बंद होने के बाद परंपरागत रूप से गंगोत्री धाम की शीतकालीन पूजाएं गद्दीस्थल मुखबा (मुखीमठ) तथा यमुना जी की शीतकालीन पूजाएं खरसाली (खुशीमठ) में संपन्न हो रही हैं।

डॉ. गौड़ के अनुसार उत्तराखंड चारधाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री में कपाट बंद होने के बाद शीतकालीन गद्दी स्थलों में 6 माह शीतकालीन पूजाएं होती हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार तक 4 लाख 25 हजार से अधिक तीर्थयात्री उत्तराखंड चारधाम दर्शन को पहुंच गए हैं। केदारनाथ धाम सहित गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो गए है। द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट 22 नवंबर को शीतकाल हेतु बंद होंगे। 25 नवंबर को मद्महेश्वर मेला आयोजित होगा।
 


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Nitika

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