राजनाथ सिंह ने BRO द्वारा निर्मित 24 पुल और 3 सड़कों का किया वर्चुअल लोकार्पण

punjabkesari.in Wednesday, Dec 29, 2021 - 12:01 PM (IST)

 

नैनीताल/हल्द्वानीः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार 4 राज्यों तथा 2 केंद्र शासित प्रदेशों में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा निर्मित 24 पुल और 3 सड़कों का वर्चुअल लोकार्पण किया। इनमें चीन सीमा से सटे उत्तराखंड के भी 3 पुल शामिल हैं।

उत्तराखंड में जिन 3 पुलों का उद्घाटन किया गया, उनमें तवाघाट-घटिया बगड़ को जोड़ने वाला घस्कू पुल, जौलजीबी-मुनस्यारी को जोड़ने वाले गौरी गाढ पुल तथा सेमली-ग्वालदम को जोड़ने वाला बदामगढ़ पुल शामिल है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस कार्यक्रम के हिस्सा रहे। धामी आभासी तरीके इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस मौके पर सिंह ने कहा कि बीआरओ की कुशलता के चलते सड़कें, टनल और पुलों के निर्माण से आज स्थानों के बीच की दूरी और समय बहुत कम कर दिया है। सीमावर्ती क्षेत्रों से जुड़े लोग दिल के पास तो हैं ही, दिल्ली के पास भी हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास की जरूरतों का ध्यान रखा है। उन्होंने कहा, 'आज देश में ढांचागत विकास से शिक्षा, स्वास्थ्य तथा गरीबी उन्मूलन की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। बीआरओ भी इसमें अपना योगदान दे रहा है। दूरदराज और सीमावर्ती इलाकों में सड़क, टनल, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण कर राष्ट्र की प्रगति में बीआरओ महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहा है।'

रक्षा मंत्री ने कहा कि शून्य से नीचे के तापमान और अत्यधिक ऊंचाई की अनेक चुनौतियों के बावजूद बीआरओ कार्मिकों के धैर्य, दृढ़ संकल्प और कर्मठता ने ऐतिहासिक काम कर दिखाया है। सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कें न केवल सामरिक जरूरतों के लिए होती हैं, बल्कि राष्ट्र के विकास में दूरदराज के क्षेत्रों की बराबर भागीदारी को भी सुनिश्चित करती हैं। इस तरह ये पुल, सड़कें और सुरंगें हमारी सुरक्षा और सम्पूर्ण राष्ट्र को सशक्त करने में अपनी अहम भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत देश के सीमावर्ती क्षेत्रों के 75 स्थानों पर बीआरओ कैफे स्थापित किए जाएंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि बीआरओ द्वारा निर्मित सड़कें और पुल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन को पूरा करते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और यहां के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को इसका लाभ मिलेगा। उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों के विकास में बीआरओ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

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Nitika