अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवसः पढ़िए अनीता की कहानी, कैसे महिलाओं को दिखा रही स्वरोजगार की राह

punjabkesari.in Thursday, Mar 08, 2018 - 06:28 PM (IST)

बागेश्वर(जगदीश उपाध्याय): आज के युग में महिलाएं राजनीति, प्रशासन, समाज सेवा और अन्य सभी क्षेत्रों में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। अपनी मेहनत से आज वह अपनी कहानी खुद लिख रही है और उन्होंने अपनी कौशलता के साथ सबके चौंकाया है। घर-परिवार हो या समाज अपने महत्त्वपूर्ण निर्णय खुद लेकर नई दिशा देने काम वह बखूबी कर रही है। 

गांव को ओडीएफ बनाने पर राज्य सरकार ने किया सम्मानित 
ऐसी ही अनेक सफल महिलाओं में से एक महिला बागेश्वर की अनीता टम्टा भी है। अनीता ग्राम प्रधान है और अपने गांव के विकास के साथ ही उन्होंने सैंकड़ों महिलाओं को स्वरोजगार से भी जोड़ा है। अपने गांव को खुले में शोच से मुक्त करवाने पर उन्हें राज्य सरकार से प्रथम पुरस्कार से भी नवाजा गया था। अनीता को कई तरह की कठिनाईयों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें सदैव उनके परिवार वालों से सहयोग मिला। उनका कहना है कि अगर परिवार का सहयाग मिले तो कोई भी कार्य करना असंभव नहीं है। उनका कहना है कि गृहणी से लेकर ग्राम प्रधान तक का सफर काफी सीखने वाला था। इसके लिए उन्हें उनके पति से पूरा सहयोग मिला। उनका कहना है कि आज वह सभी निर्णय खुद लेते है। 

सैंकड़ों महिलाओं को उपलब्ध करवाया रोजगार 
अनीता आज ग्राम प्रधानी के साथ महिलाओं की 4 संस्थाओं का सफलता पूर्वक संचालन भी कर रही है। अलग-अलग समूहों में करीब 150 महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, पैंकिंग, खिलौने और सैनेटरी नैपकिन बनाना सिखाया जाता है। इसके साथ ही पहाड़ी उत्पादों को बाजार दिलाकर उनकी संस्थाओं ने सैंकड़ों महिलाओं को रोजगार भी उपलब्ध करवाया है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में महिलायें भी लगातार आत्मनिर्भर हो रही है। उनका कहना है कि ईत्मनिर्भर होने के साथ महिलायों का सशक्तीकरण भी हो रहा है। इसके लिए सरकार भी सहयोग कर रही है। अनीता का मानना है कि आज के समय में महिलाओं को पुरुष के कंधे के साथ कंधा मिलाकर चलने के लिए शिक्षित होकर आत्मनिर्भर होना जरूरी है। आज के समय में समाज की सोच बदली है, जो कि महिलाओं में बदलाव की ओर नई क्रांति है।