उत्तराखंड में आपदाओं के लिहाज से संवेदनशील 83 गांवों के 1447 परिवारों का पुनर्वास

punjabkesari.in Thursday, Oct 14, 2021 - 01:22 PM (IST)

देहरादूनः उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से संवेदनशील 83 गांवों के 1,447 परिवारों को अब तक पुनर्वासित किया जा चुका है जिसके लिए उन्हें 61 करोड़ 2 लाख 35 हजार रुपए दिए गए हैं।

ऑअन्तरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस पर बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि आपदा प्रभावित गांवों के पुनर्वास में पिछले 4 साल में तेजी आई है और 2017 से पहले जहां 2 गांवों के 11 परिवारों को पुनर्वासित किया गया। वहीं, 2017 के बाद से 81 गांवों के 1,436 परिवारों को पुनर्वासित किया गया है। राज्य की 2011 की पुनर्वास नीति के अनुसाऱ गढ़वाल मंडल में चमोली जिले के 15 गांवों के 279 परिवार, उत्तरकाशी के 5 गांवों के 205 परिवार, टिहरी के 10 गांवों के 429 परिवार एवं रूद्रप्रयाग के 10 गांवों के 136 परिवार पुनर्वासित किए गए। जबकि कुमांऊ मंडल में पिथौरागढ़ के 31 गांवों के 321 परिवार, बागेश्वर के नौ गांवों के 68 परिवार, नैनीताल के एक गांव का एक परिवार एवं अल्मोड़ा 2 गांवों के 8 परिवार को सुरक्षित स्थानों पर बसाया गया।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि पुनर्वास क्षेत्र में बिजली, पानी एवं अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की सही व्यवस्था हो। इनके लिए उन्होंने धन की व्यवस्था जिलाधिकारी के नियंत्रणाधीन विभिन्न फंडों से करने को कहा। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी कोई परेशानी हो तो मामला शासन स्तर पर लाया जाए। धामी ने कहा कि सड़क से जोडे़ जाने वाले पुनर्वासित गांवों की सूची जल्द शासन को उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने कहा कि पुनर्वासित परिवारों के लिए केंद्र के दिशा निर्देशों के अनुसार धनराशि दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों का कोविड से निधन हुआ है, उनके परिवारों को भी आपदा मद से 50 हजार रुपये देने की व्यवस्था की जा रही है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने डिजिटिल माध्यम से 8 जिलों के पुनर्वासित गांवों के लोगों से बात कर उनकी समस्याएं भी सुनीं और कहा सभी समस्याओं का उचित हल निकालने का प्रयास किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील गांवों का लगातार सर्वेक्षण किया जाए और जिन गांवों एवं परिवारों को तत्काल पुनर्वासित करने की आवश्यकता है, उसकी सूची भी जल्द शासन को उपलब्ध करवाई जाए।


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Nitika

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