नेपाल-चीन की सीमा पर कनेक्टिविटी होगी मजबूत, बिछेगा सड़कों का जाल

punjabkesari.in Wednesday, Jun 06, 2018 - 09:04 PM (IST)

देहरादून: नेपाल और चीन की सीमा पर कनेक्टिविटी को और भी मजबूत किया जाएगा। इस संबंध में वर्षों से लंबित सड़कों के निर्माण में तेजी लाने और समय सीमा में सभी कार्य निष्पादित करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने मंगलवार की रात सचिवालय में सीमांत सड़कों के निर्माण के प्रगति की समीक्षा की। उन्हें बताया गया कि चीन की सीमा पर बनने वाली न्यू सोबला-तेदानग मार्ग के निर्माण के लिए उपखनिज के खनन की अनुमति दे दी गई है। 

 

नीति गांव से नीति पास और सिमली-ग्वालदम मार्ग के लिए भी जल्द अनुमति मिल जाएगी। सीएस को बताया गया कि नेपाल सीमा पर 12 किमी टनकपुर-जौलजीवी मार्ग का निर्माण हो चुका है। 17.875 किमी का निर्माण कार्य चल रहा है। 46.850 किमी एक लेन सड़क निर्माण के लिए 202 करोड़ की ड्राफ्ट डीपीआर भारत सरकार के गृह मंत्रालय को भेज दी गई है। इसके अलावा पिथौरागढ़ के धारचूला के समीप छारचुम नामक स्थान पर 110 मीटर के दो लेन सेतु निर्माण की डीपीआर तैयार की जा रही है।

 

झूलाघाट में 500 मीटर पुल निर्माण के लिए डीपीआर कंसल्टेंसी हेतु निविदा जारी कर  दी गई है। टनकपुर बैराज से महेंद्र नगर (नेपाल) में संयोजन किए जाने के लिए 1.3 किमी 1.5 लेन सीसी मार्ग के निर्माण के लिए वन भूमि का हस्तांतरण हो गया है। चंपावत के सिरसा नामक स्थान पर 2 लेन 400 मीटर सेतु बनाने के लिए कार्रवाई चल रही है। महाकाली नदी संधि व्यवस्था के अनुसार दोनों देशों द्वारा संयुक्त निरीक्षण कर लिया गया है। विदेश मंत्रालय को जल्द रिपोर्ट भेजी जाएगी। 

 

इसके अलावा नेपाल सीमा पर महाकाली नदी में नेपाल द्वारा बनाए जा रहे 4 लेन सेतु को उत्तराखंड के राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने के लिए 6.3 किमी मार्ग का निर्माण किया जाना है। इसकी कार्रवाई चल रही है। बैठक में अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश, प्रमुख सचिव सिंचाई आनंद बर्धन, सचिव वन अरविंद सिंह ह्यांकी, प्रमुख अभियंता आरसी पुरोहित, अनुसचिव दिनेश पुनेठा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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