महंत नरेंद्र गिरि की मौत से संत समाज हतप्रभ, हिरासत में लिए गए शिष्य आनंद गिरि

punjabkesari.in Tuesday, Sep 21, 2021 - 11:27 AM (IST)

देहरादूनः अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के सोमवार को उत्तर प्रदेश (यूपी) के प्रयागराज में संदिग्ध परिस्थितियों में निधन से उत्तराखंड का सन्त समाज हतप्रभ है। महंत गिरि का सुसाइड नोट मिलने के बाद उनके एक शिष्य आनंद गिरि को हरिद्वार में पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि प्रयागराज में महंत नरेंद्र गिरि के संदिग्ध स्थिति में निधन के बाद पुलिस को मिले सुसाइड नोट में मिली सूचना के आधार पर हरिद्वार पुलिस ने आरोपी सन्त आनन्द गिरि को हिरासत में ले लिया है। उन्होंने बताया कि थाना श्यामपुर अन्तर्गत, गाजावाली स्थित संत आनंद गिरी के आश्रम से उन्हें हिरासत में लिया गया है। उन्होंने बताया कि यूपी पुलिस की टीम हरिद्वार के लिए रवाना हो गई है, जिसके पहुंचने पर संत आनंद गिरि को उन्हें सौंप दिया जाएगा। इसके विपरीत, संत आनंद गिरि ने मीडिया से कहा कि ये षड्यंत्र है। महंत नरेंद्र गिरी को मारकर उन्हें फंसाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने सरकार से इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि हम गुरु-शिष्य के बीच कभी विवाद नहीं रहा। ये उन लोगों की साजिश है, जो मठ और मंदिर का पैसा साजिश के तहत अपने घर पर पहुंचा रहे थे। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष की आकस्मिक मृत्यु पर उत्तराखंड का सन्त समाज हतप्रभ है।

जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने महंत नरेंद्र गिरि के निधन पर गहरा दु:ख जताया है। उनकी मृत्यु के कारणों की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि नरेंद्र गिरि जैसे संत आत्महत्या नहीं कर सकते। निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी भी प्रयागराज के लिए रवाना हो गए हैं। उन्होंने कहा कि महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु के कारणों की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि श्रीमहंत नरेंद्र गिरि आत्महत्या करेंगे। उनके साथ क्या घटना घटी, इसकी जांच होनी चाहिए। आचार्य ने नरेंद्र गिरि के साथ अपने संबंधों को भी याद किया।


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Nitika

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