नैनीताल HC का फैसलाः दिव्यांग और जरूरतमंद बच्चों के लिए अलग से स्थापित किए जाएं स्कूल

punjabkesari.in Thursday, Jul 12, 2018 - 04:47 PM (IST)

नैनीतालः उत्तराखंड में नैनीताल हाईकोर्ट ने दिव्यांग और जरूरतमंद बच्चों के लिए एक अहम फैसला लिया है। कोर्ट ने सरकार को आदेश देते हुए कहा कि दिव्यांग और विशेष जरूरतमंद बच्चों के लिए अलग से स्कूल स्थापित किए जाएं। 

स्कूलों में नियुक्त किए जाए विशेष प्रशिक्षित अध्यापक 
हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति लोकपाल की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान फैसले में खंडपीठ ने सरकार को ऐसे जरूरतमंद बच्चों के लिए अलग से स्कूलों की स्थापना करने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि इन स्कूलों में विशेष प्रशिक्षित अध्यापक नियुक्त करने के लिए कहा है। 

1 साल में 4 जिलों में छात्रावास निर्मित करने के दिए आदेश 
खंडपीठ ने सरकार को इन स्कूलों में विशेष सुविधाएं उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने जरूरतमंद बच्चों के लिए प्रत्येक माह 1 हजार रूपए की छात्रवृति देने के भी निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने सरकार को ऐसे बच्चों के लिए स्कूल में सत्र से पहले पढ़ाई और वर्दी की निशुल्क व्यवस्था के भी निर्देश दिए हैं। खंडपीठ ने ऐसे बच्चों के लिए विशेष छात्रावास खोलने के लिए भी कहा है। कोर्ट ने कहा कि सरकार 1 साल में 4 जिलों में छात्रावास निर्मित करे। 

पत्र पर संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका की दायर 
बता दें कि खंडपीठ ने कमल गुप्ता के पत्र पर स्वयं संज्ञान लेते हुए एक जनहित याचिका दायर कर ली थी। पत्र में याचिकाकर्त्ता की और से कहा गया था कि राज्य में विशेष जरूरतमंद और दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षा की कोई विशेष सुविधा नहीं है। इन बच्चों के लिए सुविधाएं ना होने के कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही संविधान के अनुच्छेद 21(ए) में 6 साल से लकर 14 साल तक के बच्चों के लिए निशुल्क शिक्षा की बात कही गई है।    

Nitika