वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी, केदारनाथ में भारी निर्माण एक बार फिर ला सकता है बड़ी आपदा

punjabkesari.in Thursday, May 17, 2018 - 04:59 PM (IST)

देहरादूनः उत्तराखंड में केदारनाथ धाम करोड़ों लोगों की आस्था का प्रतीक माना जाता है। कुछ लोगों ने  2013 की आपदा के बाद से धाम में कई तरह के मामलों पर बयानबाजी शुरू हो गई है। पिछले काफी समय से केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य चल रहा है। इसको लकर भी राजनीति का दौर शुरू हो गया है। 
PunjabKesari
केदारनाथ धाम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा नई केदारपुरी का सपना तो देखा गया है लेकिन इस पर कांग्रेस का कहना है कि यह काम तो उनके समय से ही शुरू हो गए थे। भाजपा सरकार ने अभी तक इसमें कुछ नया नहीं किया है। इस पर केदारनाथ धाम में काम करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि जब 2013 के बाद हालात बदल गए और सरकार ने पूरे क्षेत्र पर वैज्ञानिक और तकनीकी रिपोर्ट तैयार करवाई तो अब सरकार के द्वारा उसका पालन क्यों नहीं किया जा रहा है।
PunjabKesari
वाडिया संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. डीपी डोभाल का कहना है कि वह चोरबाड़ी ग्लेशियर पर अध्ययन कर रहे हैं। आपदा के बाद के हालातों की बड़ी पैमाने पर खोज की गई, इसकी रिपोर्ट सरकार को दी गई। उन्होंने कहा कि भारी निर्माण केदारपुरी के लिए ठीक नहीं है। भारी निर्माण के कारण कभी भी मंदिर को खतरा पैदा हो सकता है। वैज्ञानिक का कहना है कि केदारनाथ मंदिर एकदम ग्लेशियर के नीचे है। यदि अब फिर से आपदा आती है कि तो हमें बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाएगा। 
PunjabKesari
वहीं वैज्ञानिकों की इस बात से बद्री केदार समिति के अध्यक्ष का भी कहना है कि निर्माण कार्यों पर विशेषज्ञों की सलाह अवश्य ली जाए। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर राज्य के मुख्यमंत्री से अनुरोध किया जा रहा है कि वहां ऐसा अब कुछ भी नहीं होना चाहिए जिससे भविष्य में केदारपुरी में मानव निर्मित खतरा पैदा हो। 


 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Nitika

Recommended News

Related News

static