सचिव सहकारिता पुरुषोत्तम ने किया सहकारी समिति झाझरा का दौरा, अधिकारियों को दिए ये निर्देश

punjabkesari.in Wednesday, May 04, 2022 - 06:29 PM (IST)

 

देहरादून(कुलदीप रावत): सहकारिता विभाग के सचिव डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने कहा कि पहाड़ और मैदान की समितियों की कॉपरेटिव पार्टनरशिप की जाए। इससे दोनों जगहों की समितियों को लोभ होगा एवं ग्रामीण और लाभान्वित होंगे।

सचिव डॉ. पुरुषोत्तम ने बुधवार को बहुद्देशीय साधन सहकारी समिति झाझरा लि व दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति लि शंकरपुर के निरीक्षण में अधिकारियों को निर्देश दिए। सचिव पुरुषोत्तम ने सहकारिता के अपर निबंधक व राज्य समेकित सहकारी परियोजना के नोडल अधिकारी आनंद शुक्ल को निर्देश देते हुए कहा डेयरी के लिए ग्रामीण किसानों और स्वयं सहायता समूह को दीनदयाल उपाध्याय किसान योजना से ऋण दिया गया है, लेकिन एनसीडीसी से पर्याप्त लोन दिया जाए, ताकि किसानों को अच्छी नस्ल की गाय उपलब्ध करवाई जा सकें। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में पोटेंशियल ज्यादा है। उन्होंने दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के निर्देश दिए।

सचिव पुरुषोत्तम ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में सहकारी समितियां किसानों से उत्पादों का प्रोडक्शन करें और मैदान की समितियां इसकी बिक्री करें। इससे दोनों समितियों और किसानों का फायदा होगा। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में किसानों के पास पर्याप्त जमीन है जबकि मैदान के क्षेत्रों में समितियों के अंतर्गत आने वाले गांव में जमीनी घट रही हैं। इसलिए समितियों को पहाड़ी प्रोडक्ट दालें, सब्जियां, नगदी फसलें इत्यादि पर ध्यान देना होगा। उन्होंने अधिकारियों को इस तरह की कोऑपरेटिव पार्टनरशिप योजना बनाने के निर्देश दिए।

सचिव पुरुषोत्तम ने कहा कि बहुद्देशीय साधन सहकारी समिति लि झाझरा अपनी परिसर की जमीन पर सप्ताह में एक दिन हाट बाजार लगा रही है, जिससे समिति को सालाना ₹ 5 लाख की आमदनी हो रही है। हॉट बाजार में स्थानीय लोगों को सस्ते दर में सामान मिल जाता है और दुकानदार सहकारी समिति को इसका किराया देते हैं। सचिव पुरुषोत्तम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सहकारी समितियों कि इस तरह की अन्य जमीनों के लिए हाट बाजार उपयोग में लाया जाए, ताकि समितियां आत्मनिर्भर बन सकें। बहुद्देशीय साधन सहकारी समिति झाझरा के अधिकारियों ने बताया कि मिनी बैंक में ₹10 करोड़ का डिपॉजिट है। समिति ने दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना में अल्पकालीन ऋण, व एम टी ऋण में 2 करोड़ 28 लाख रुपए का ऋण दिया गया है।

समिति के अधिकारियों ने सचिव को बताया कि 1 साल में समिति ने 102 मेट्रिक टन यूरिया तथा 20 डीएपी मेट्रिक टन, चूरी 250 बैग की बिक्री की हैं। सचिव पुरुषोत्तम ने समिति के निरीक्षण के दौरान हर कर्मचारी का यहां काम जाना। शंकरपुर दुग्ध उत्पादन सहकारी समिति में सचिव पुरुषोत्तम ने दूध का ब्यौरा 3 रजिस्टर चेक कर देखा व दूध की गुणवत्ता वाली मशीन का निरीक्षण किया तथा एक दर्जन महिलाओं से पूछा कि आप लोगों की गाय कितना यहां दूध देती हैं और कितनी इनकम हैं। उन्होंने दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीणों को अच्छी नस्ल की गाय प्रदान के लिए एनसीडीसी से पर्याप्त ऋण की व्यवस्था कराने के निर्देश अफसरों को दिए। उन्होंने और बढ़िया गुणवत्ता वाले दूध उत्पादन के लिए जोर दिया। गौरतलब है कि आसपास के गांव वाले समिति को ढाई सौ लीटर दूध प्रतिदिन देते है।


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Nitika

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