बड़ा रहस्यः उत्तराखंड के इस गांव में हो रहा है इन दिनों रामलीला का आयोजन, बद्रीनाथ धाम से जुड़ा है इतिहास

punjabkesari.in Monday, Mar 14, 2022 - 06:04 PM (IST)

 

चमोली(कुलदीप रावत): जहां बसंत ऋतु में होली के समय पूरे देश और दुनिया का ध्यान ब्रज की होली पर केन्द्रित होगा वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्र जिला चमोली का एक गांव ऐसा है, जहां इसी बसंत ऋतु में होली के समय रामलीला पूजन व मंचन का आयोजन किया जा रहा है। जी हां हम बात कर रहे हैं आज से करीब ढाई हजार वर्ष पूर्व आदि जगतगुरु शंकराचार्य के बद्रीनाथ धाम की स्थापना करते समय उस कालखंड में डिम्मर गांव की पूजन व वंदन स्थली रही।

इस गांव में अनादिकाल से रामलीला का पूजन व मंचन होलियों के समय एक परंपरा व मान्यताओं के तहत चला रहा है। आमतौर पर भारत व पूरे विश्व में रामलीला का आयोजन शारदीय नवरात्र दशहरे के समय होता है लेकिन इस गांव का रामलीला का संबंध सीधे भारत के चार धामों में से सर्वश्रेष्ठ धाम बद्रीनाथ से जुड़ा हुआ है। खास बात यह है कि हर साल जहां एक ओर टेहरी नरेश के राज दरबार में बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि निश्चित की जाती है तो वहीं आदि जगतगुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित डिम्मर गांव में भी बसंत पंचमी के धार्मिक पर्व पर बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने से पूर्व भगवान विष्णु की पूजा के निमित्त राम लीला का पूजन व मंचन की तिथि निश्चित की जाती है निश्चित तिथि के अनुसार आज 14 मार्च से डिम्मर गांव में 10 दिवसीय रामलीला का पूजन व मंचन प्रारंभ होने जा रहा है।

डिम्मर की रामलीला आज भी न केवल उत्तराखंड के लिए बल्कि भारत की धार्मिक मान्यताओं व परंपराओं को लेकर एक अलग पहचान रखती है। बद्रीनाथ धाम के पुजारी समुदाय डिमरियों के मूल ग्राम डिम्मर की रामलीला स्पष्ट तौर पर परंपराओं व मान्यताओं से परिपूर्ण है। 


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Nitika

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