स्पोर्ट्स कांप्लेक्स के टॉयलेट्स पर पड़े हैं एक महीने से ताले, खिलाड़ी हो रहे परेशान

punjabkesari.in Thursday, Apr 26, 2018 - 03:27 PM (IST)

देहरादून: स्पोर्ट्स कांप्लेक्स परेड ग्राउंड में बालक-बालिका खिलाड़ियों की सुविधा के लिए टॉयलेट्स बनने के बावजूद खिलाड़ियों की दुश्वारियां कम नहीं हुई हैं। टॉयलेट्स के दरवाजों पर अभी ताला ही लटका हुआ है। स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में प्रैक्टिस के लिए आ रहे खिलाड़ियों, खासकर लड़कियों को फ्रेश होने और चेंज करने के लिए बहुउद्देश्यीय कीड़ा हॉल तक की दूरी तय करनी पड़ रही है। खिलाड़ियों को खेल सुविधाएं प्रदान करने के लिए परेड ग्राउंड के आधे हिस्से को स्पोर्ट्स कांप्लेक्स के रूप में डेवलप किया गया है। हालांकि, स्पोर्ट्स कांप्लेक्स बनाते हुए टॉयलेट्स जैसी जनसुविधाओं का ध्यान नहीं रखा गया। कांप्लेक्स बनने से पहले जिला खेल कार्यालय परेड ग्राउंड में ही स्थित था। कांप्लेक्स निर्माण के चलते खेल कार्यालय की इमारत को गिराकर समतल किया गया, ताकि खेलों के लिए क्षेत्रफल बढ़ाया जा सके। साथ ही, जिला खेल कार्यालय की नई बिल्डिंग पवेलियन मैदान में तैयार कर इसे वहां शिफ्ट किया गया।

 

पुराने जिला खेल कार्यालय में ही पहले बालक-बालिका खिलाड़ियों के लिए टॉयलेट की व्यवस्था थी। कार्यालय शिफ्ट होने के बाद परेड ग्राउंड में सिर्फ बहुउद्देश्यीय क्रीड़ा हॉल में ही यह व्यवस्था रह गई। स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में क्रिकेट, बेसबॉल, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, टेनिस, तीरंदाजी, बॉक्सिंग, एथलेटिक्स आदि के प्रशिक्षण शिविर चलते हैं। इन शिविरों में बालक-बालिका खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं। टॉयलेट्स न होने के चलते खिलाड़ियों को खासी परेशानी उठानी पड़ती है। लगभग चार साल पहले जिला खेल कार्यालय के पवेलियन मैदान में शिफ्ट होने के बाद भी स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में टॉयलेट्स बनाने की सुध नहीं ली गई। कई बार खिलाड़ी और अभिभावकों ने स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में टॉलेट्स बनाने की मांग की, लेकिन इसमें देर होती चली गई। आखिरकार पिछले साल विभाग ने इसकी सुध ली और निर्माण कार्य शुरू हो सका।  

 

अक्टूबर 2017 में शुरू हुआ निर्माण कार्य
स्पोर्ट्स कांप्लेक्स बनाने वाली कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम ने अक्टूबर 2017 में खिलाड़ियों की सुविधा के लिए अक्टूबर में टॉयलेट्स निर्माण का कार्य शुरू किया। लगभग एक माह पहले निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन इनका संचालन अटका हुआ है। कारण यह है कि अभी तक टॉयलेट्स में पानी का कनेक्शन नहीं हो सका है। न ही प्रयास होते दिख रहे हैं।  

फ्रेश होने के लिए नापनी पड़ती है दूरी
स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में प्रशिक्षण ले रहे बालक-बालिका खिलाड़ियों को फ्रेश होने और चेंज करने के लिए मैदान के एक छोर से दूसरे छोर तक बहुउद्देश्यीय क्रीड़ा हॉल आना पड़ता है। हॉल में दोनों के लिए अलग-अलग प्रसाधन केंद्र बने हैं। स्थिति यह रहती है कि दोनों में कई बार खिलाड़ियों को अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है। 

निर्माण एजेंसी है जिम्मेदार
इस संबंध में जिला खेल अधिकारी राजेश ममगाईं का कहना है कि टॉयलेट्स के लिए बहुउद्देश्यीय क्रीड़ा हॉल के पास से पानी की लाइन खींची जानी है। निर्माण एजेंसी को यह काम पूरा करना है। लेटलतीफी के लिए एजेंसी जिम्मेदार है। एजेंसी से कहा गया है कि जल्द से जल्द टॉयलेट्स में पानी की सुविधा प्रदान करें, ताकि खिलाड़ियों को परेशानी न उठानी पड़े।

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