पर्वतीय खेती के लिए जलाशयों एवं झीलों का संवर्धन जरूरी: मुख्यमंत्री

punjabkesari.in Tuesday, Jan 14, 2020 - 11:21 AM (IST)

देहरादूनः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नाबार्ड द्वारा आयोजित ‘स्टेट क्रेडिट सेमीनार 2020-21 में कहा पर्वतीय क्षेत्रों में खेती के लिए जलाशय और झीलों का संवर्धन आवश्यक है। साथ ही, क्लस्टर आधारित खेती, वैल्यु एडिशन और जैविक उत्पादों के प्रमाणीकरण पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय खेती के लिए सिंचाई की सुविधा पर ध्यान केंद्रित करना होगा। इसके लिए जलाशय विकसित करने होंगे। क्लस्टर आधारित खेती और जैविक उत्पादों के प्रमाणन की व्यवस्था भी किसानों की आय को बढ़ाने के लिए बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमारा राज्य भौगोलिक विषमताओं वाला है। पर्वतीय खेती अधिकांशत: असिंचित है। उन्होंने कहा कि लिफ्ट सिंचाई बहुत खर्चीली होती है। इसलिए ग्रेविटी आधारित पेयजल एवं सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति के लिए जलाशयों का निर्माण जरूरी है। सूखते जलस्रोतों को देखते हुए वर्षा जल संचयन महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि नदियों के पुनर्जीवन के लिए भी जलाशय आवश्यक हैं। राज्य सरकार ने इस दिशा में शुरूआत की गई है।

वहीं सीएम रावत ने कहा कि पिथौरागढ़, चम्पावत, अल्मोड़ा, पौड़ी, चमोली, देहरादून आदि जिलों में जलाशय एवं झीलें विकसित की जा रही हैं। आने वाले समय में इससे यहां के लोगों को फायदा होगा। इन जलाशयों के निर्माण की फंडिंग के लिए नाबार्ड को आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों की आय को बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए बहुत सी कोशिशें प्रारम्भ की गई है। किसानों को व्यक्तिगत रूप से 1 लाख तक एवं समूह को 5 लाख तक का कृषि के लिए ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध करवाया जा रहा है।

कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य सरकार ने खेती के क्षेत्र में कई पहल की है। यही कारण है लगातार 2 बार कृषि कर्मण पुरस्कार सहित पिछले 2 वर्षों में 6 पुरस्कार उत्तराखंड को मिले हैं। आर्गेनिक खेती में हम काफी आगे बढ़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि एकीकृत कृषि से किसानों की आय बढ़ाई जा सकती है। खेती के साथ उससे संबंधित क्षेत्रों को शामिल करना होगा। उन्होंने कहा हमें सरकार की योजनाओं की जानकारी आम व्यक्ति तक पहुंचानी होंगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए विभिन्न गैर सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, बैंकों के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया।

 


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Nitika

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