2020 तक राज्य को कुपोषण मुक्त बनाना उत्तराखंड सरकार का लक्ष्यः राज्यपाल

punjabkesari.in Tuesday, Sep 24, 2019 - 04:05 PM (IST)

हरिद्वारः उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राष्ट्रीय पोषण मिशन कार्यक्रम प्रदर्शनी का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जिले में कुपोषित बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी देखने का मिल रही है।

जानकारी के अनुसार, हरिद्वार में महिला सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग द्वारा कुपोषण मुक्त जिला बनाने में किन-किन सामग्री एवं दवाईयों को उपयोग करना चाहिए, उन सभी की प्रदर्शनी लगाई गई। कार्यक्रम में बेबी रानी मौर्य और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य मौजूद रही। राज्यपाल ने प्रदर्शनी का निरीक्षण कर सभी सामग्रियों के बारे में जानकारी ली। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हरिद्वार में कुपोषित बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, जिसकी रोकथाम करने के लिए विभाग ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम में बच्चों को फल, दूध, सब्जियां भरपूर मात्रा में बांटे गए है और बच्चों को कुपोषण का शिकार से बचाने के लिए पोष्टिक आहार मिलना जरुरी बताया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से अन्य लोगों के बीच भी जागरुकता आएगी।

इस मौके पर रेखा आर्य ने बताया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पोषण अभियान की शुरुआत साल 2018 में की थी, जिसका मुख्य उद्देश्य है कि हमें अपने देश को एक सशक्त बनाना है और गर्भवती महिलाओं को शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाना है। वहीं बाल विकास मंत्री ने बताया कि राज्यभर में लगभग 17 हजार बच्चे कुपोषण के शिकार है, जिसमें की 1700 बच्चे अतिकुपोषण के शिकार है। उन्होंने कहा कि इसी बात को देखते हुए उत्तराखंड सरकार का एक प्रयास है कि कुपोषित बच्चों एवं अतिकुपोषित बच्चों को आंगनवाडी केन्द्रों से टीएचआर मिलें। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने इस अभियान को जनादोलन में बदले के लिए उन्होने एक-एक बच्चे को गोद लिए जाने की शुरुआत की है। उन्होंने बताया कि जिसकी शुरुआत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने की। बता दें कि मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने भी एक बच्चे को गोद लिया। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य साल 2020 तक हमें उत्तराखंड के सभी बच्चों को कुपोषण मुक्त करवाना है।


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Nitika

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