स्पैक्स का दावा, सुसवा नदी के पानी से लोगों में फैल रहा कैंसर

punjabkesari.in Thursday, May 31, 2018 - 10:47 PM (IST)

देहरादून: स्पैक्स, जॉय संस्था और दूधली ग्रामवासियों की ओर से 8 से 19 मई तक बिंदाल, रिस्पना व सुसवा नदी के पानी के 24 नमूने एकत्र किए गए। स्पैक्स की लैब में किए गए परीक्षण में इस पानी में क्रोमियम, आयरन, लेड, मैग्नीज, ऑयल, ग्रीस, क्लोराइड, फॉस्फेट, सल्फेट, नाइट्रेट और टोटल व फीकल कॉलीफाम मानकों से कई गुना अधिक पाए गए। इस कारण इलाके में कैंसर आदि के मरीजों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई है। वीरवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत में स्पैक्स संस्था के सचिव डॉ. बृजमोहन शर्मा ने यह जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि इतने घातक तत्व पानी में मिलने के कारण दूधली क्षेत्र में कैंसर के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 

 

स्पैक्स के बीते तीन सालों के आंकड़े बताते हैं कि प्रत्येक वर्ष लगातार इन खतरनाक तत्वों की वृद्धि इन तीनों नदियों के पानी में हो रही है। उनके मुताबिक, एक तरफ से रिस्पना, दूसरी तरफ से बिंदाल पूरे शहर का सीवर लेकर आगे बढ़ती हैं। इसके अलावा क्लेमनटाऊन की तरफ से आने वाला नाला भी शहर के शेष हिस्से का सीवर लेकर सुसवा में मिलते हैं। डॉ. बृजमोहन के अनुसार, कहने को कारगी चौक के निकट बिंदाल नदी और दून विश्वविद्यालय के निकट रिस्पना में एक-एक शोधन प्लांट स्थापित हैं। ये प्लांट आज तक शुरू नहीं हुए हैं। इस कारण पूरे शहर का सीवर, गंदगी और फैक्ट्रियों का दूषित पानी रिस्पना, बिंदाल, क्लेमनटाऊन नाले के माध्यम से सुसवा तक पहुंचता है।

 

उनका कहना है कि कभी सुंगधयुक्त बासमती के लिए दूधली घाटी में सुसवा नदी वरदान हुआ करती थी, लेकिन अब यह दून शहर की गंदगी ढोने वाली नदी बन गई है। दूधली घाटी की सिंचाई व्यवस्था को भी इसने सीधे तौर पर बरबाद कर दिया है। इस घाटी के ग्रामीणों को पेयजल आपूर्ति भूमिगत जल से की जाती है। लेकिन वर्तमान में भूजल में भी हानिकारक तत्वों की भरमार है। इसकी वजह से क्षेत्र में चर्म रोग, सांस रोग तथा जल प्रदूषण के कारण तमाम बीमारियां फैल रही हैं।

Punjab Kesari