विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद हुए बद्रीनाथ धाम के कपाट, चारधाम यात्रा संपन्न

punjabkesari.in Sunday, Nov 17, 2019 - 05:58 PM (IST)

चमोलीः उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित बद्रीनाथ धाम आज 5 बजकर 13 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। इसके साथ ही इस साल की चारधाम यात्रा का भी समापन हो गई। वहीं मंदिर समिति ने सिंहद्वार को फूलों से सजाया। बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की वैदिक परिक्रियाएं रविवार सुबह 4 बजे से शुरू हो चुकी थी।
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धर्माधिकारी भुवन उनियाल ने बताया कि सबसे पहले बाबा बद्री का महाभिषेक किया गया। इसके बाद बद्रीनाथ जी का साधु वेश में फूलों से श्रंगार किया गया और उन्हें फूलों का हार पहनाया गया। वहीं भगवान का वर्ष का अंतिम भोग लगने के बाद सांयकालीन पूजाएं शुरू की गई। मुख्य पुजारी रावल जी स्त्र सखी का भेष धारकर मां लक्ष्मी जी को उनके लक्ष्मी मंदिर से बाहर आने और गर्भगृह में नारायण के साथ शीतकाल में विराजने का न्यौता दिया। इसके बाद नारायण के बड़े भाई उद्धव एवं खजांची कुबेर के चल विग्रह को गर्भगृह में स्थित बदरीश पंचायत से बाहर लाया गया और रावल द्वारा लक्ष्मी जी की प्रतिमा को गर्भ गृह में नारायण के साथ विराजमान किया गया।

गरूड़ को भी मंदिर से बाहर लाया गया। नारायण की प्रतिमा पर घी का लेप किया गया। माणा की कन्याओं द्वारा बनुकर मंदिर को दिया गया घृत कंबल उन्हें पहनाया गया और अखंड दीप प्रज्वलित किया जाएगा। इसके बाद ठीक 5 बजकर 3 मिनट पर नारायण के गर्भगृह के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। धर्माधिकारी भुवन उनियाल ने बताया कि 18 नवंबर की सुबह 9 बजे के लगभग उद्धव, कुबेर एवं गद्दी पांडुकेश्वर के लिए रवाना होगी।


 


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Nitika

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