हरीश रावत का CM त्रिवेंद्र को सुझाव- प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के विस्थापन की हो व्यवस्था

punjabkesari.in Saturday, Feb 13, 2021 - 05:24 PM (IST)

देहरादूनः उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को विस्थापन की व्यवस्था किए जाने का सुझाव दिया है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में हरीश रावत एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने मुलाकात की।

इस अवसर पर हरीश रावत ने मुख्यमंत्री से जोशीमठ के रैणी क्षेत्र में आई आपदा के सबंध में संचालित किए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों पर भी चर्चा की। त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं। एनटीपीसी की सुरंग में मलवा अधिक भरने की वजह से उसे हटाने में समय अधिक लग रहा है। राहत एवं बचाव कार्यों में और तेजी आ सके इसके लिए अलग-अलग फोर्स एवं अधिकारियों को जिम्मेदारियां दी गई है। केन्द्र सरकार का भी इस आपदा में बचाव एवं राहत कार्यों में राज्य को पूरा सहयोग मिल रहा है। जवानों द्वारा जोखिम में कार्य कर समय पर पहुंचकर स्थिति को संभाला। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा भी राहत कार्यों की निरंतर समीक्षा की जा रही है।

हरीश रावत ने रैणी क्षेत्र में आपदा के बाद मुख्यमंत्री के द्वारा राहत एवं बचाव कार्यों के लिए किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि जिस तेजी से मुख्यमंत्री ने सभी सबंधित राहत दलों एवं विभागों को त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए उससे स्थिति काफी हद तक नियंत्रित हुई है। आपदा पीड़ितों को भी आवश्यक सहायता समय पर उपलब्ध कराने के लिए भी उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रयासों को सराहा। आपदा की सूचना प्राप्त होते ही मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने इस आपदा में पीड़ितों को मदद करने के लिए शासन, जिला प्रशासन एवं एसडीआरएफ के साथ आर्मी, आईटीबीपी एवं एनडीआरएफ की टीमों के प्रयासों की भी सराहना की। राहत एवं बचाव कार्यों की लिए जल्द ही प्रभावित क्षेत्रों में इन बचाव दलों के पहुंचने से लोगों को राहत भी मिली है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदाओं में त्वरित कार्यवाही से समाज में अच्छा प्रभाव पड़ता है। संकट के इस समय सभी लोग सरकार के साथ हैं। उन्होंने त्रिवेन्द्र को इस संबंध में छह सूत्री ज्ञापन भी दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को विस्थापन की व्यवस्था की जाए। इस आपदा के कारणों की तह तक जाना भी जरूरी है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटना दुबारा न हो। राज्य की विभिन्न परियोजनाओं का सेफ्टी ऑडिट करने का भी उन्होंने सुझाव दिया।


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Ramanjot

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