तीरथ सिंह रावत ने हर्षवर्धन को कोरोना नियंत्रण के लिए किए जा रहे कार्यों से करवाया अवगत

punjabkesari.in Thursday, May 13, 2021 - 05:42 PM (IST)

 

देहरादूनः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को वर्चुअल कांफ्रेंस के माध्यम से राज्य में कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। साथ ही, अतिरिक्त ऑक्सीजन आदि से सम्बन्धित राज्य की अपेक्षाओं का विवरण दिया।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि राज्यों को टेस्टिंग, ट्रैकिंग, ट्रेसिंग एवं माइक्रो कन्टेंटमेंट जोन की दिशा में विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग गई है, यह सुनिश्चित हो कि उनको दूसरी डोज भी समय पर लग जाए। राज्यों का पॉजिटिविटी रेट और मृत्युदर को कम करने पर विशेष ध्यान हो। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से राज्यों की हर तकलीफ को दूर करने एवं जरूरतों को पूरा करने के लिए हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं। तीरथ ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि राज्य में कोरोना को नियंत्रित करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य में टेस्टिंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार ऑक्सीजन बेड, आईसीयू और वेंटिलेटर बढ़ाए जा रहे हैं। उन्होंने कोविड काल में केन्द्र सरकार से हर संभव मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं स्वास्थ्य मंत्री का आभार व्यक्त किया।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में वैक्सीनेशन तेज गति से हो रहा है। 18 से 45 वर्ष के आयु वर्ग को भी राज्य में निशुल्क वैक्सीन लगाई जा रही है। राज्य में 400 करोड़ से अधिक का व्ययभार इस आयु वर्ग के वैक्सीनेशन पर आ रहा है, जिसका वहन राज्य सरकार करेगी। उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से अनुरोध किया कि उत्तराखंड को 60 टन ऑक्सीजन का आवंटन झारखंड एवं पश्चिम बंगाल से किया गया है, जबकि राज्य में काशीपुर, रूड़की एवं देहरादून में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित हैं। राज्य को इन्हीं ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन आवंटित की जाए, जिससे समय की बचत भी होगी। उन्होंने सुझाव दिया कि केन्द्र सरकार वैक्सीन लिए जाने हेतु एक निविदा जारी करे और उसकी दरें फिक्स करे। उन्होंने राज्य को 10 हजार ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर, दो लाख पल्स ऑक्सीमीटर एवं 10 हजार ऑक्सीजन डी टाईप सिलिन्डर देने के लिए अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि अभी एसडीआरएफ की 50 प्रतिशत धनराशि कोविड कार्यों हेतु अनुमत है। यदि इसे शत प्रतिशत कर दिया जाए तो राज्य अपने चिकित्सालयों में ऑक्सीजन आपूर्ति और अन्य व्यवस्थाएं बढ़ा सकते हैं।


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Nitika

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