बेबी रानी मोर्य ने कहा- हिन्दी और अंग्रेजी में हो आयुर्वेद की पुस्तकों का अनुवाद

punjabkesari.in Wednesday, Oct 07, 2020 - 11:36 AM (IST)

 

देहरादूनः उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि आयुर्वेद की पुस्तकों का अधिक से अधिक हिन्दी और अंग्रेजी में अनुवाद कर इनका लाभ आम जनमानस को मिलना चाहिए। आयुर्वेद के शोधकार्य संस्कृत एवं हिन्दी में होने चाहिए। उन्होंने कहा कि संस्कृत को जनभाषा बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए।

राज्यपाल ने मंगलवार को उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय तथा संस्कृत भारती उत्तरांच्चलम् द्वारा आयोजित ‘आयुर्वेदाय संस्कृतम्' तथा ‘संस्कृत संभाषणम्' विषयों पर 10 दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए यह आह्वान किया। उन्होंने संस्कृत भाषा से जुडे़ विद्वानों, शिक्षकों तथा विद्यार्थियों से अपेक्षा की कि वे संस्कृत साहित्य में निहित ज्ञान-विज्ञान को जनसामान्य तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। इस कार्य में विभिन्न प्रचार माध्यमों के साथ ही सोशल मीडिया सहायक सिद्ध हो सकता है।

वहीं बेबी रानी मौर्य ने कहा कि संस्कृत मात्र एक भाषा नही है बल्कि एक सम्पूर्ण संस्कृति, ज्ञान का असीमित भण्डार, संस्कारों और सभ्यता का स्रोत भी है। आज माना जाता है कि संस्कृत विश्वभर में सबसे शुद्ध तथा वैज्ञानिक भाषा है। उन्होंने कहा कि संस्कृत केवल ज्ञान की ही नहीं अपितु विज्ञान की भी भाषा है। यह भी माना जाता है कि संस्कृत का अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को गणित, विज्ञान तथा अन्य भाषाएं सीखने में आसानी होती है। इससे विद्यार्थियों की स्मरण शक्ति भी बढ़ती है। संस्कृत भाषा में वैदिक उच्चारण से मन, शरीर और आत्मा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
 


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