खाली हो रहे गांवों को बचाने के लिए नई योजनाएं धरातल पर लाने की तैयारी में त्रिवेंद्र सरकार

punjabkesari.in Monday, Aug 20, 2018 - 11:54 AM (IST)

देहरादूनः उत्तराखंड में पिछले कई दिनों से मानसून ने कहर बरपा रखा है। आलम यह है कि कई गांवों का मुख्यालयों से संपर्क टूट गया है तो वही कई गांवों में भूस्खलन हो रहा है। एक तरफ प्रदेश में गांव पलायन की मार तो झेल रहे हैं और दूसरी तरफ मानसून के कहर से लोगों में भय का माहौल है। जिसके चलते प्रदेश सरकार खाली हो रहे गांवों को बचाने के लिए उपाय तलाश रही है। आने वाले दिनों में कई गांवों को विस्थापित भी किया सकता है, तो कई गांवों में खाली पड़ी बंजर जमीन का सरकार अधिग्रहण कर सकती है।

नई योजनाओं को धरातल पर लाने की तैयारी में सरकार
भले ही उत्तराखंड को बने सिर्फ 18 साल का वक्त हुआ हो, लेकिन इन सालों में प्रदेश ने तेजी से पलायन और खत्म होते गांवों को जरूर देखा है। वैसे तो पहाड़ी भू-भाग अधिक होने की वजह से उत्तराखंड को पहाड़ी राज्य का दर्जा प्राप्त है लेकिन लगातार होते पलायन से पहाड़ खाली होते जा रहे हैं। इस बात की पुष्टि कुछ वक्त पहले पलायन आयोग की रिपोर्ट में भी हुई थी। वैसे आज तक पलायन को रोकने में हर सरकार विफल ही नजर आई है, लेकिन अब त्रिवेंद्र सरकार खाली हो रहे गांवों और बंजर होती जमीन को बचाने के लिए नई-नई योजनाओं को धरातल पर लाने की तैयारी में है।

एक ऐसी ही योजना जल्द सामने आ सकती है जिसके तहत प्रदेश सरकार उन गांवों को पुनर्जीवित करेगी जो पूरी तरह से खाली हो चुके हैं। सीएम रावत ने योजना को लेकर बताया कि प्रदेश में 700 से ज्यादा गांव पूरी तरह से खाली हो चुके हैं और हम कोशिश करेंगे की उन गांवों को फिर से जीवित किया जा सके। 

Deepika Rajput