त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण को कमिशनरी बनाने के निर्णय को ठहराया सही

punjabkesari.in Sunday, Apr 11, 2021 - 11:46 AM (IST)

 

देहरादूनः उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को कमिशनरी बनाने की अपनी सरकार के निर्णय को सही ठहराया है। साथ ही कहा कि इसका उद्देश्य क्षेत्र का सुनियोजित विकास करना था।

राज्य सरकार द्वारा कुमाऊं और गढ़वाल के बाद राज्य में तीसरी कमिशनरी बनाने के कदम पर रोक लगाने के नयी राज्य सरकार की कैबिनेट के शुक्रवार के फैसले को लेकर संवाददाताओं द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में रावत ने अपनी सरकार के कदम को सही ठहराया। पूर्व मुख्यमंत्री ने गैरसैंण को राज्य के नये प्रशासनिक प्रभाग के रूप में अद्यतन करते हुए इसे तीसरी कमिशनरी बनाया था, जिसमें 4 पहाड़ी जिले, अल्मोड़ा, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग और चमोली शामिल थे। उन्होंने यहां अपने निवास पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरे निर्णय का उद्देश्य राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी का नियोजित विकास करना था। निर्णय उत्तराखंड के 2 क्षेत्रों की संस्कृतियों का मिलन बिंदु बनाने की दृष्टि का हिस्सा भी था।''

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की अध्यक्षता में शुक्रवार के मंत्रिमंडल के फैसले पर और कोई टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि यह नयी ‘‘सरकार की अपनी सोच'' है। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चार धाम सहित मंदिरों का नियंत्रण देवस्थानम बोर्ड को सौंपने के उनके फैसले को राज्य की कैबिनेट द्वारा पलटने पर कहा कि बोर्ड का गठन मंदिरों के बेहतर प्रबंधन और श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाओं के निर्माण के लिए किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि बोर्ड के दायरे में कोई नया मंदिर नहीं लाया गया।

बता दें कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को कहा था कि उन्होंने प्रसिद्ध हिमालयी मंदिरों बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री सहित 51 मंदिरों का प्रबंधन बोर्ड के नियंत्रण से हटाने और इसके गठन पर पुनर्विचार करने का फैसला किया है।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Nitika

Recommended News

Related News

static