नशे के खिलाफ उच्च हिमालयी क्षेत्र के 25 गांवों की अनोखी पहल

punjabkesari.in Tuesday, May 17, 2022 - 04:57 PM (IST)

 

नैनीतालः चीन सीमा से सटे पिथौरागढ़ जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्र में मुनस्यारी के 25 गांवों ने नशे के खिलाफ अनोखी पहल शुरू की है। इन गांवों ने सरकार का मुंह देखने के बजाय अपने गांवों को खुद नशा मुक्त करने का निर्णय लिया है।

पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी के सरमोली के 25 गांवों के ग्रामीणों ने तय किया है कि प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होने वाली चरस (भांग) की खेती को वह खुद नष्ट करेंगे। जिला पंचायत सदस्य जगत सिंह मर्तोलिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में ग्रामीणों ने तय किया कि नाप भूमि में उगने वाले भांग की खेती को ग्रामीण खुद नष्ट करेंगे जबकि बेनाप भूमि में होने वाली खेती को ग्राम प्रहरी द्वारा नष्ट किया जाएगा।

मर्तोलिया ने बताया कि यह भी तय किया गया कि जो भूमिधर ऐसा नहीं करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। साथ ही अपने गांव को चरस मुक्त करने वाले ग्राम प्रहरी को मुनस्यारी रत्न से नवाजा जाएगा। उन्होंने कहा कि यह भी तय किया गया कि नाप भूमि पर यदि किसी गांव में कहीं भी भांग के खेती या फि उसकी पौध दिखाई देगी तो ग्राम प्रहरी को जिम्मेदारी दी गई है कि वह रिपोर्ट देगा और फिर राजस्व एवं नागरिक पुलिस द्वारा भूमि धारक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जबकि बेनाप भूमि में खेती मौजूद रहेगी तो ग्राम प्रहरी के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

मर्तोलिया ने बताया कि युवा पीढ़ी चरस और स्मैक के नशे का शिकार होती जा रही है। इसलिए भांग की खेती को ग्राम स्तर पर रोका जाना बेहद जरूरी है। इसको मुहिम चलाकर ही रोका जा सकता है। इसके अलावा उन्होंने तय किया है कि गांवों में जन जागरुकता अभियान भी चलाया जाएगा। बैठक में यह भी तय किया गया कि इस अभियान में पुलिस का भी सहयोग लिया जाएगा और जिन दुकानों में व्यक्तिगत रूप से चोरी छिपे चरस की बिक्री की जाती है। उनकी सूची बनाकर ग्रामीण पुलिस को देंगे और उनके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाएंगे। साथ ही उनका बहिष्कार भी किया जाएगा।


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Nitika

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