उत्तराखंड औषधीय पादपों का किया जाएगा दस्तावेजीकरण, CM की मौजूदगी में हुआ समझौता

punjabkesari.in Monday, Mar 16, 2020 - 05:48 PM (IST)

 

देहरादूनः उत्तराखंड के जनजातीय क्षेत्रों में उगने वाले औषधीय पादपों और इन जगहों में प्रचलित पांरपरिक उपचार पर जनजातीय मामलों के मंत्रालय की मदद से अनुसंधान किया जाएगा। साथ ही उनका दस्तावेज तैयार किया जाएगा। इस संबंध में आज पतंजलि रिसर्च इंस्टीटयूट और उत्तराखंड ट्राइबल रिसर्च इंस्टीटयूट के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मौजूदगी में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पारंपरिक ज्ञान को सहेजना जरूरी है। पारंपरिक ज्ञान और विज्ञान को साथ-साथ चलना चाहिए। शुरूआत में इसे प्रायोगिक परियोजना के रूप में आरंभ किया जाएगा, जिसके लिए केंद्र 3.12 करोड़ रूपए स्वीकृत किया जाएगा। समझौता ज्ञापन पर मुख्यमंत्री आवास में पतंजलि की तरफ से आचार्य बालकृष्ण और जनजातीय कल्याण निदेशक सुरेश जोशी ने दस्तखत किए।

वहीं विज्ञप्ति के अनुसार, जनजातीय क्षेत्रों में उगने वाले औषधीय पौधों तथा उन्हें औषधीय गुण प्रदान करने वाले तत्वों को पहचाना जाएगा। इसके अतिरिक्त इस परियाजना के तहत इन तत्वों का विस्तृत मोनोग्राफ भी तैयार किया जाएगा। अगर यह परियोजना सफल रही तो इसे अन्य राज्यों में भी यह कार्य किया जाएगा।
 


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Nitika

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