सौंग डैम से बुझेगी राजधानी देहरादून की ''प्यास''

punjabkesari.in Thursday, Jun 21, 2018 - 05:17 PM (IST)

देहरादून: पेयजल संकट के दौर से गुजर रहे राजधानी के लोगों के लिए अच्छी खबर है। राजधानी में अगले 30 वर्षों की जरूरत को देखते हुए सौंग नदी से ड्रिंकिंग वाटर सप्लाई स्कीम बनाने की कवायद तेज हो गई है। सिंचाई विभाग परियोजना की डीपीआर तैयार कर जल्द ही शासन को भेजने की तैयारी कर रहा है। परियोजना को वित्तीय स्वीकृति मिलते ही कार्य प्रारंभ हो जाएगा। सब ठीक ठाक रहा, तो अगले तीन साल में परियोजना बनकर तैयार हो जाएगी। वर्ष 2006 में राजधानी देहरादून में बिजली और पेयजल के साथ ही सिंचाई सुविधा के लिए सौंग बहुद्देशीय परियोजना बनाने की योजना बनाई गई। सिंचाई विभाग को इसकी डीपीआर तैयार करने के सरकार ने निर्देश दिए। बजट के अभाव में परियोजना का काम शुरू नहीं हो पाया। 

 

तब परियोजना से 6 मेगावाट बिजली उत्पादन के साथ ही रोजाना करीब 200 मीलियन लीटर पानी का प्रस्ताव तैयार किया गया। इससे रायपुर समेत आस-पास के इलाकों में सिंचाई के लिए भी पानी की आपूर्ति करने के लिए सहमति बनी। ठीक 12 साल बाद परियोजना को लेकर कवायद तेज हुई है। अब परियोजना के मल्टीप्रपज उद्देश्य को समाप्त करके सिर्फ ड्रिंकिंग वाटर पर फोकस किया गया है। यह निर्णय राजधानी में तेजी से बढ़ती आबादी और पानी की भविष्य में होने वाली क्राईसेस को देखकर लिया गया है। सौंग रिजर्व वायर से दून की करीब 20 लाख आबादी को 2051 तक पर्याप्त पानी मिलने का दावा किया जा रहा है।

 

ट्यूबवैल से निर्भरता होगी खत्म
सौंग ड्रिंकिंग वाटर स्कीम बनने के बाद राजधानी की ट्यूबवैल से निर्भरता लगभग पूरी तरह खत्म हो जाएगी। ग्रेविटी के जरिए पेयजल योजना संचालित होगी। ट्यूबवैल संचालन पर करोड़ों रुपये की बिजली खर्च हो रही है।लेकिन इस स्कीम के बाद यह समस्या भी पूरी तरह खत्म हो जाएगा। इससे करोड़ों रुपये की बिजली की बचत होगी। योजना से 212 मीलियन लीटर पानी प्रतिदिन मिलेगा। वर्तमान में राजधानी में 170 एमएलडी पानी की डिमांड है।

 

रिजर्व वायर से सुधरेगा भूजल स्तर
पानी के अवैधानिकदोहन से निरंतर भूजल स्तर गिरता जा रहा है। सौंग रिजर्व वायर बनने से भूजल स्तर बढ़ने का अनुमान है। अंडर वाटर लेबल बढ़ने से पेड़ पौधों नहीं सूखेंगे और हरियाल बनी रहेगी, जिसकी पर्यावरणीय दृष्टि से बेहद सख्त जरूरत है। सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता मुकेश मोहन ने कहा कि, बहुद्देशीय सौंग डैम परियाजना का फोकस अब ड्रिंकिंग वाटर पर फोकस किया जा रहा है। ऐसा राजधानी में भविष्य में होने वाले पेयजल संकट को देखकर किया जा रहा है। योजना की डीपीआर तैयार की जा रही है। करीब 1000 करोड़ की इस परियोजना को स्वीकृति मिलते ही काम शुरू किया जा जाएगा।

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