सत्र का चौथा दिनः श्राइन बोर्ड को लेकर छिड़ा संग्राम, 3 बार स्थगित हुई सदन की कार्यवाही

punjabkesari.in Monday, Dec 09, 2019 - 04:47 PM (IST)

देहरादूनः उत्तराखंड में विधानसभा सत्र के चौथे दिन सदन में श्राइन बोर्ड को लेकर संग्राम छिड़ा रहा। इसी के चलते सदन की कार्यवाही को 3 बार स्थगित किया गया। वहीं कांग्रेस ने श्राइन बोर्ड विधेयक को लेकर कार्यमंत्रणा समिति में जानकारी न देने का आरोप लगाया।

जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार ने सोमवार को चारधाम श्राइन बोर्ड विधेयक सदन में पेश कर दिया लेकिन सरकार के फैसले का चौतरफा विरोध भी शुरू हो गया है। कांग्रेस सरकार के फैसले को सनातन धर्म से खिलवाड़ और तीर्थ पुरोहित समाज के साथ कुठाराघात करार दे रही है। कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि सदन में विधेयक लाने से पहले कार्य मंत्रणा समिति में जानकारी नहीं दी गई।

वहीं केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार अपनी मनमर्जी पर उतारू है। सरकार के पास बहुमत है इसलिए नियमों को ताक पर रखा जा रहा है। श्राइन बोर्ड को सरकार क्रांतिकारी कदम करार दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का तर्क है कि श्राइन बोर्ड बनने के बाद ही वैष्णोदेवी मंदिर का विकास हुआ और आज सालाना लाखों श्रद्धालु सुविधाओं के साथ दर्शन कर रहे। सरकार दक्षिण भारत के तिरुपति बालाजी मंदिर सहित तमाम मंदिरों में श्राइन बोर्ड व्यवस्था की खूबियां भी गिनवा रही है।

सरकार का तर्ज है कि श्राइन बोर्ड बनने से न केवल नए रोजगार पैदा होंगे बल्कि यात्रा व्यवस्था सुधरेगी और मंदिरों के हालात बेहतर होंगे। हर साल बड़ी तादाद में बढ़ते श्रद्धालुओं को देखकर भी सरकार चारधाम और प्रसिद्ध मंदिरों की देख-रेख अपने हाथ में लेना चाह रही। इसके साथ ही बद्रीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट ने श्राइन बोर्ड का समर्थन करते हुए कहा कि इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

बता दें कि चारधाम श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे और संस्कृति मंत्री से लेकर 3 सांसद और छह विधायक शामिल होंगे। तीर्थ पुरोहित समाज के 3 प्रतिनिधि भी इसका हिस्सा होंगे और सीनियर आईएएस सीईओ के तौर पर बोर्ड का जिम्मा संभालेगा। बोर्ड में तमाम अहम जिम्मेदारियां हिन्दू धर्मावलंबियों को ही दी जाएंगी। बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति सहित तमाम समितियां और परिषद भी इसके दायरे में आ जाएंगी।

Nitika