हिंदी दिवस पर वेबिनार का हुआ आयोजन, राजेश जोशी ने निष्पक्ष पत्रकारिता पर दिया जोर

punjabkesari.in Tuesday, Sep 15, 2020 - 10:53 AM (IST)

 

टिहरी गढ़वालः उत्तराखंड के शैक्षणिक संस्थानों में भी हिंदी दिवस के मौके पर कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसी सिलसिले में टिहरी गढ़वाल के गवर्नमेंट कॉलेज थत्यूड में हिंदी दिवस के मौके पर वेबिनार का आयोजन किया गया।

वेबिनार में समसामयिक संदर्भ में आधुनिक हिंदी मीडिया विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। समसामयिक संदर्भ में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के तमाम पहलुओं पर वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार का संचालन कॉलेज के हिन्दी और गणित विभाग की तरफ से किया गया। वेबिनार के तकनीकी संचालन में प्रोफेसर सुधीर पेटवाल ने सहयोग दिया। वेबिनार का मुख्य आकर्षण बीबीसी हिंदी सेवा से जुड़े राजेश जोशी रहे।

वेबिनार की शुरुआत गणित विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अनीता तोमर ने की। प्रोफेसर अनीता तोमर ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले प्रतिभगियों का स्वागत किया। कोविड-19 महामारी के कारण बदली परिस्थितियों के बावजूद हिंदी दिवस के आयोजन को लेकर उत्‍साह और उमंग में कोई कमी नहीं दिखी। कोविड-19 महामारी के दौरान शिक्षा में व्यापक सुधार देखने को मिले हैं। प्रोफेसर अनीता तोमर ने इस मौके पर हिंदी दिवस की शुभकामना दी। तोमर ने कहा कि मातृभाषा में हर व्यक्ति सहजता से अपनी भावनाओं का इजहार कर सकता है। तोमर ने हिन्दी के विकास में मीडिया की भूमिका पर चर्चा की शुरुआत की।

इस वेबिनार में बतौर मुख्य अतिथि प्रोफेसर एनपी माहेश्वरी ने शिरकत की थी। माहेश्वरी उत्तराखंड के उच्च शिक्षा विभाग के पूर्व निदेशक के पद पर सेवा दे चुके हैं। इस मौके पर उन्होंने हिन्दी की विकास यात्रा पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि हिन्दी के विकास में मीडिया की भी अहम भूमिका रही है। माहेश्वरी ने हिंदी सिनेमा में भाषा के विस्तार और लाक्षणिक प्रयोगों के उदाहरण भी प्रस्तुत किए।

इस वेबिनार में मशहूर पत्रकार राजेश जोशी ने भी अपना विचार रखा। जोशी बीबीसी हिंदी सेवा से लंबे समय से जुड़े रहे हैं। इस वेबिनार में हिंदी पत्रकारिता और राष्ट्रवाद शीर्षक पर अपने विचार रखे। उन्होंने पत्रकारिता के शुरूआत पर प्रकाश डालते हुए समाचार पत्रों के विकास के विषय में जानकारी दी।

इस वेबिनार में प्रोफेसर गोपाल प्रधान और रवीन्द्र कुमार ने भी अपने विचार रखे। वहीं अनिल कार्की ने ग्रामीण परिवेश में मीडिया के महत्व पर बात की और सोशल मीडिया में समाचारों के मूल्यांकन करने की समझ पर भी बात की।


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Nitika

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