Pok में कौन है प्रधानमंत्री, पाकिस्तान का नहीं है हिस्सा...जानिए भारत की कब्जाई जमीन पर किसकी चलती है हुकूमत
punjabkesari.in Saturday, May 03, 2025 - 06:10 PM (IST)

Pakistan-Occupied Kashmir: पहलगाम में हुए हमले के बाद से भारत-पाक की सेना अर्लट मोड में है। शरहदों पर तनाव बना हुआ है। हमले का मुंतोड़ज जवाब देने के लिए सेना तैयार है। इसी बीच गुस्से से लाल भारतीय यह भी कह रहे हैं कि PoK को भारत में मिलाने के लिए सबसे अच्छा मौका है। आखिर जब भारत के नक्शे में Pok को दिखाया जाता है लेकिन वह भारत का हिस्सा नहीं है। आइए विस्तार से जानते हैं इसके बारें में।
1947 में देश अंग्रेजों से आजाद हुआ अखंड भारत का बंटवारा हुआ तो पाकिस्तान के हिस्से में जितनी जमीन आई थी उससे वह खुश नहीं था। पाकिस्तान की नजर भारत के जन्नत कहे जाने वाले कश्मीर पर टिकी थी। दावा किया जाता है कि जम्मू कश्मीर के राजा हरि सिंह की एक गलती से की वजह से पाकिस्तानी सेना बिना आर्मी ड्रेस के कश्मीर में घुसे और धीरे-धीरे कब्जा करने लगा। आज आलम ये है कि Pok भारत से अलग है।
Pok में किसकी सरकार है?
बता दें कि Pok पर अभी पाकिस्तान का कब्जा तो है लेकिन वहां पर उसकी सरकार नहीं है। न ही पाकिस्तान की संसद में इसका कोई प्रतिनिधि नहीं है और संविधान में इसका नाम तक नहीं दर्ज है। पाकिस्तान के संविधान में पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा का जिक्र मिलता है।
लेकिन पीओके को लेकर कोई आधिकारिक स्थिति नहीं है। यानी कब्जा किया हुआ क्षेत्र होने के बावजूद यह पाकिस्तान का हिस्सा नहीं माना गया। पाकिस्तान के संविधान में पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा का जिक्र मिलता है। लेकिन पीओके को लेकर कोई आधिकारिक स्थिति नहीं है. यानी कब्जा किया हुआ क्षेत्र होने के बावजूद यह पाकिस्तान का हिस्सा नहीं माना गया।
Pok में कौन है प्रधानमंत्री?
आपको बता दें कि पाकिस्तान के द्वारा कब्जे किए गए कश्मीर में यानि Pok में फिलहाल चौधरी अनवर-उल-हक फिलहाल प्रधानमंत्री हैं, लेकिन उनका चयन स्वतंत्र नहीं होता। पाकिस्तान की सेना और एजेंसियां तय करती हैं कि यहां किसे सत्ता में बैठाना है। वहां के चुनाव भी पाकिस्तान के प्रभाव में होते हैं।
इस क्षेत्र में करीब 40 लाख लोग रहते हैं और इसका आकार करीब 13,000 स्क्वायर किलोमीटर है। यहां की न्यायिक व्यवस्था, पुलिस और प्रशासन अलग जरूर हैं, लेकिन नियंत्रण पाकिस्तान के हाथ में ही रहता है। पाकिस्तान भले ही पीओके को स्वायत्ता देने की बात करता है, लेकिन असलियत में उसकी फौज और आईएसआई यहां की पूरी राजनीति को कंट्रोल करती हैं. वहां का लोकतंत्र सिर्फ नाम का है, हकीकत में सब कुछ इस्लामाबाद से चलता है।