महिलाओं ने खुद बनाई नहर, विभाग को दिखाया आईना

punjabkesari.in Tuesday, Jun 26, 2018 - 04:17 PM (IST)

गोपेश्वर: जिस काम को करने के लिए सरकार ने विभाग बना रखा है, हर साल उसे करोड़ों रुपये का बजट आवंटित होता है, यदि वही बजट का रोना रोते हुए अपने मूल काम से हाथ खड़े कर दे तो ग्रामीणों के पास दो ही विकल्प रहते हैं, या तो वह विभाग की मेहरबानी का इंतजार करते रहें या फिर उस काम को करने का बीड़ा अपने कंधों पर उठाकर विभागीय अधिकारियों को आईना दिखाने का काम करे। सांकरी गांव की महिलाओं ने दूसरे विकल्प को चुना और सालों से क्षतिग्रस्त नहर को न सिर्फ ठीक कर दिया बल्कि धान की रोपाई से पहले मात्र तीन दिन में गांव तक पानी पहुंचाकर विभाग को आइना दिखाया है।  

 

दरअसल पोखरी ब्लॉक के सांकरी गांव की सिंचाई नहर का करीब छह सौ मीटर हिस्सा 2010 की आपदा में क्षतिग्रस्त हो गया था। ग्रामीणों ने सिंचाई विभाग से कई बार नहर की मरम्मत कराने की गुहार लगाई, लेकिन हर बार बजट का रोना राते हुए अधिकारी लाचारी दिखा देते। तब लोगों ने रबड़ के पाइपों से पानी खेतों तक पहुंचाया। लेकिन 2017 में अतिवृष्टि से नहर के मूल में भारी मलबा आ गया, जिससे पाइपों से पानी पहुंचाना संभव नहीं हो पाया। तब से गांव के लोग सिंचाई विभाग से नहर की मरम्मत की मांग करते रहे। लेकिन कुछ नहीं हुआ। गांव की महिलाओं ने बैठक कर स्वयं नहर की मरम्मत करने का फैसला लिया। बीते 21 जून को महिलाएं व अन्य ग्रामीण अपने-अपने घर से कुदाल और फावड़े लेकर नहर की मरम्मत करने पहुंचे। मात्र तीन दिन की मेहनत के बाद शनिवार शाम को खेतों तक पानी पहुंच गया।

 

स्थानीय निवासी मुन्नी देवी, कविता देवी, नंदी देवी और बबीता देवी का कहना है कि गांव में 150 परिवार निवास करते हैं। जिनका मुख्य कार्य कृषि और पशुपालन है। नहर क्षतिग्रस्त होने से धान की रौपाई नहीं कर पा रहे थे। प्रशासन ने जब इसमें रुचि नहीं दिखाई तो हमने खुद ही काम करने का निर्णय लिया। अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग अतुल पांडेय ने कहा, नहर की मरम्मत के लिए सीमित बजट मिलता है। जिसके चलते जिले की कई नहरों की मरम्मत नहीं कर पा रहे हैं। सांकरी गांव में जेई को मौके पर भेजकर नहर की मरम्मत के लिए आंगणन तैयार कर स्थायी रूप से नहर को ठीक कर दिया जाएगा।

Punjab Kesari