महिलाओं ने बांज के पेड़ों को बचाने के लिये मंत्री धन सिंह रावत को खदेड़ा

punjabkesari.in Monday, Apr 23, 2018 - 06:30 PM (IST)

पौड़ी/देहरादून: थलीसैंण की पेड़-पौधों को अपने बच्चों की तरह मानने वाली महिलाओं ने अपने ही क्षेत्र के विधायक और उत्तराखण्ड सरकार के बहुत मजबूत माने जाने वाले मंत्री डा. धन सिंह रावत को सडक़ के लिये पेड़ काटने के खिलाफ न सिर्फ दौड़ा लिया, बल्कि धक्का मुक्की पर भी उतर आईं। महिलाओं ने उस ठेकेदार को भी नहीं बख्शा, जिसे मंत्री जी पेड़ कटवाने के लिये साथ लेकर गांव वालों को सड़क का महत्व बताने गये थे। सहकारिता, उच्च् शिक्षा और प्रोटोकॉल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धन सिंह को महिलाओं ने कुछ इस तरह झकझोरा कि वह इस मामले पर मीडिया का सामना करने से भी कतरा रहे हैं। उनका स्टॉफ ही उनका फोन उठा रहा है और कह रहा है कि मंत्री जी मीटिंग में हैं।

 

चिपको आन्दोलन की गवाह रही उत्तराखण्ड की भूमि में महिलायें आज भी गौरा देवी के तर्ज पर सडक़ से ज्यादा महत्व पेड़ पौधों और वृक्षों की रक्षा कर पर्यावरण संरक्षण को देती हैं, यह बात एक बार फिर प्रमाणित हो गई है। धन सिंह रावत को यह दिन इसलिये देखना पड़ा कि उन्होंने जल संरक्षित कर शुद्ध पानी देने वाले बांज के वृक्षों को ही कटवाने का फैसला अपनी विधायक निधि से धन देकर करवा लिया था। गांव की महिलाओं ने उन्हें बता दिया कि अगर पानी नहीं रहेगा, तो गांव नहीं रहेंगे। लोग नहीं रहेंगे। पलायन होगा और सरकार सिर्फ दिखावा करके बजट और निर्माण कार्यों में ठेकेदारों और दलालों की कमाई के लिये रास्ता खोजती रहेगी। शायद इसीलिये धन सिंह निरुत्तर हैं।

 

मंत्री धन सिंह ने ही बिना सोचे-विचारे बांज के जंगलों के बीचों-बीच से सम्पर्क मोटर मार्ग स्वीकृत किया था। मंत्री ने जैसे ही इस मार्ग का शिलान्यास किया, गांव में रोष की लहर फैल गई। जो महिलायें इन वृक्षों को अपने बच्चों की तरह पालती पोसती रही हैं उन्होंने तो धन सिंह रावत को अपने गांव खण्डखिल में घुसने तक नहीं दिया, ताकि उनका गांव वृक्षों की हत्या इरादा रखने वालों से अपवित्र न हो जाये। महिलाओं ने साफ कह दिया कि उन्हें बांज के बेशकीमती पेड़ों की कीमत पर सडक़ की सुविधा कतई नहीं चाहिये। महिलाएं जबरन निर्माण की की कोशिश पर गौरा देवी और उनकी साथियों की ही तरह वृक्ष लिपट कर खुद को कुर्बान करने का मन तक बना चुकी हैं।

सूबे के उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत के साथ महिलाओं की धक्का-मुक्की और उनके खिलाफ नारेबाजी का यह वीडियो सोशल मीडिया में जबरदस्त तरीके से वायरल हो रहा है। नवोदय टाइम्स/पंजाब केसरी संवाददाता ने इस वीडियो में हुई घटना की तह तक जाकर पूरी जानकारी हासिल की है। दरअसल, डा. धन सिंह रावत श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। हाल ही में उन्होंने अपनी विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत स्थित ग्राम पंचायत चोपड़ा (ब्लॉक थलीसैंण) में चोपड़ा से खण्डखिल तक 300 मीटर सडक़ विधायक निधि से स्वीकृत की। लगभग पांच लाख रुपये की लागत की इस योजना का बीते रविवार की शाम को चोपड़ा में शिलान्यास होना था, जिसके लिये मंत्री धन रावत दलबल के साथ पहुंचे। 

 

चोपड़ा के ग्राम प्रधान बालम सिंह की मौजूदगी में उन्होंने चोपड़ा में चोपड़ा-खण्डखिल सम्पर्क मोटर मार्ग का शिलान्यास किया। इसके बाद वे चोपड़ा से पैदल खण्डखिल के लिये रवाना हुये। इसी बीच रास्ते में उन्हें दर्जनों महिलाओं ने घेर लिया। महिलाओं का कहना था कि चोपड़ा से खण्डखिल तक पूरा बांज के बेशकीमती पेड़ों का घना जंगल है। यदि यहां सडक़ निर्माण करवाया जाता है तो वृक्षों को काटा जायेगा, इसलिये उन्हें सडक़ नहीं बल्कि जंगल की जरूरत है। महिलाओं ने मंत्री धन सिंह के आते ही उनके खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दी। बात बढ़ी तो कुछ आक्रोशित महिलाओं ने धन सिंह रावत के साथ धक्का-मुक्की तक शुरू दी। इसके बाद धन सिंह वहां रुके बगैर आगे चल दिये।

 

घटना पर बात करने से कतरा रहे हैं मंत्री
उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत इस घटना के बारे में कुछ भी कहने से बच रहे हैं। हालांकि यह घटना जहां हुई वह स्थान पुलिस थाना पैठाणी के अन्तर्गत है। पैठाणी के थानाध्यक्ष देवेन्द्र असवाल ने इस घटना की पुष्टि की है। उनका कहना है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिलाओं के बारे में पूरी जानकारी जुटा ली है, लेकिन मंत्री धन सिंह रावत ने इस मामले में किसी पर भी कार्रवाई करने से इंकार किया है।

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