कंडी मार्ग पर आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की तर्ज पर होगा काम

punjabkesari.in Thursday, Apr 26, 2018 - 03:40 PM (IST)

देहरादून: गढ़वाल और कुमाऊं मंडल को जोड़ने वाले कंडी मार्ग पर दोबारा यातायात शुरू करवाने को त्रिवेन्द्र सरकार ने अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया है। चूंकि यह मार्ग राजाजी और कार्बेट नेशनल पार्क की सीमा से होकर गुजरता है। लिहाजा, इसे पक्के मोटर मार्ग में तब्दील करना, इतना आसान नहीं है। सरकार का मकसद है कि कंडी रोड को वन्य जीव और इको फ्रैंडली बनाया जाए। इसके लिए आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की तर्ज पर ग्रीन रोड कांसेप्ट पर काम किया जाएगा। जरूरत के मुताबिक कहीं-कहीं पर इसे एलिवेटेड स्वरूप दिया जाएगा। इसके लिए फौरी तौर पर 50 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है।

 

यह प्रोजेक्ट तकनीकी रूप से बेहद जटिल है। लिहाजा, कार्यदायी संस्था का जिम्मा इको टूरिज्म कारपोरेशन को सौंपा गया है।  ग्रीन रोड के एलाइनमेंट सर्वे वन्य जीव संस्थान देहरादून करेगा। उत्तराखंड के दोनों मंडलों को सीधे जोड़ने के लिहाज से इस रोड को खोलने की मांग लंबे समय से की जा रही है।वर्तमान में गढ़वाल से कुमाऊं तक पहुंचने के लिए यूपी के कुछ हिस्से से गुजरना पड़ता है। इससे लोगों का समय भी ज्यादा लगता है। उत्तराखंड के वाहनों को अतिरिक्त टैक्स भी भरना पड़ता है। राज्य सरकार की पहल पर समूचे कंडी मार्ग को अब ग्रीन रोड के रूप में विकसित करने का रास्ता लगभग साफ हो गया है।

 

इस मार्ग के लालढांग-चिलरखाल (कोटद्वार) हिस्से के एलाइनमेंट के सर्वे का जिम्मा भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) को सौंपा गया है, जबकि नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) इसकी डीपीआर तैयार करेगी। इसके अलावा इको टूरिज्म डेवलपमेंट कारपोरेशन आफ उत्तराखंड (इडकुल) को नोडल एजेंसी नामित किया गया। इसके लकर इडकुल और एनबीसीसी के बीच अनुबंध हो चुका है।

 

स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक मई में
वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत का कहना है कि राजाजी और कार्बेट नेशनल पार्क से गुजरने वाले इस वन मार्ग कंडी रोड को केंद्र सरकार के ग्रीन रोड कांसेप्ट में शामिल करने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। ऐलिवेटेड टच भी इस रोड को दिया जाएगा। जल्द ही इसका प्रस्ताव स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड से पास कराने के बाद नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड में ले जाया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही इस प्रक्रिया को पूरा करा लिया जाएगा।

 

मिट्टी और रेत से बनती है ग्रीन रोड
ग्रीन रोड कांसेप्ट आस्ट्रेलिया व न्यूजीलैंड समेत कई देशों में अपनाया जाता है। सड़क निर्माण की इस तकनीक में सड़क बनाते समय इसमें तारकोल व प्रदूषण फैलाने वाली सामग्री का प्रयोग नहीं किया जाता है। सीमेंट अथवा लकड़ी के बीम जमीन में बिछाकर बाकी हिस्से को मिट्टी और रेत से तैयार किया जाता है।


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