केदारनाथ के बाद यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद, धामी ने तीर्थयात्रियों का जताया आभार

punjabkesari.in Thursday, Oct 27, 2022 - 05:04 PM (IST)

 

देहरादूनः उत्तराखंड के उच्च गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र में स्थित विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट बृहस्पतिवार को भैया दूज के पर्व पर श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए।

यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल ने बताया कि उत्तरकाशी जिले में स्थित यमुनोत्री धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया सुबह शुरू हो गई थी और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ परंपरानुसार विधिवत पूजा-अर्चना कर दोपहर 12:09 बजे सर्वसिद्धि योग अभिजीत मुहूर्त में मंदिर के द्वार बंद कर दिए गए। उनियाल के मुताबिक, दो हजार से ज्यादा श्रद्धालु कपाट बंद होने की प्रक्रिया के साक्षी बने। उन्होंने बताया कि इस दौरान मंदिर प्रांगण में मौजूद श्रद्धालुओं ने ढोल-नगाड़ों की थाप पर तांदी नृत्य भी किया। उनियाल के अनुसार, मां यमुना की डोली को पारंपरिक वाद्य यंत्रों के मधुर संगीत के साथ यमुनोत्री धाम से ले जाकर उनके शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली गांव में स्थापित कर दिया गया। सर्दियों में अगले छह माह तक श्रद्धालु मां यमुना के दर्शन वहीं कर सकेंगे।

धामी ने तीर्थयात्रियों का जताया आभार
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीर्थयात्रियों का आभार जताया और कहा कि इस बार चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। इससे पहले, बुधवार को अन्नकूट के पर्व पर एक अन्य धाम गंगोत्री के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए थे। बद्रीनाथ के कपाट 19 नवंबर को बंद होंगे। सर्दियों में बर्फबारी और भीषण ठंड की चपेट में रहने के कारण चारधाम के कपाट हर साल अक्टूबर-नवंबर में श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं और ये अगले साल अप्रैल-मई में फिर से खोले जाते हैं।

43 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने की चारधाम यात्रा
गढ़वाल क्षेत्र की आर्थिक रीढ़ मानी जाने वाली चारधाम यात्रा पर हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। इस वर्ष 6 माह के यात्रा मौसम में 43 लाख से अधिक तीर्थयात्री चारधाम के दर्शन के लिए पहुंचे। केदारनाथ में जहां 15,61,882 श्रद्धालुओं ने बाबा के दर पर माथा टेका, वहीं यमुनोत्री मंदिर के दर्शन के लिए लगभग 4.45 लाख तीर्थयात्री पहुंचे।


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Nitika

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