दुनिया भर में मोहब्बत का ही पैगाम देते हैं कलाकार: गुलाम अली

punjabkesari.in Tuesday, Apr 26, 2016 - 07:26 PM (IST)

वाराणसी: संकट मोचन संगीत समारोह में शिरकत करने वाराणसी पहुंचे पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली ने विरोध करने वालों को करारा जवाब दिया। गुलाम अली ने कहा है कि मैं दुआ करूंगा...उन्हें सद्बुद्घि मिले और तरक्की भी। आपको बता दें कि गुलाम अली के कार्यक्रम को लेकर शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने उनका कड़ा विरोध किया था और उनके खिलाफ जगह-जगह पोस्टर लगाए थे। 
 
मिंट हाऊस स्थित एक पंच सितारा होटल में मीडिया से मुखातिब गुलाम अली ने कहा, एक कलाकार के रूप में मेरी हर शख्स से यही गुजारिश है कि नफरत और घृणा को छोड़ प्यार बांटें ताकि दोनों मुल्कों (भारत और पाकिस्तान) में अमन-चैन बना रहे। वे बोल ही रहे थे कि सवाल उछला, मोदी जी प्यार बांटने के लिए ही पीएम नवाज शरीफ की शादी की सालगिरह में शिरकत करने लाहौर गए थे, लेकिन पठानकोट एयरबेस पर अटैक हो गया। इस सवाल के साथ एक शायरी भी गूंजी, ''इक बेवफा से भी प्यार होता है, यार कुछ भी हो यार होता है, हम बेवफा थे इसलिए नजरों से गिर गए... शायद उन्हें तलाश किसी बेवफा की थी''। गुलाम अली से गुजारिश की गई कि वह उत्तर भी शेरो-शायरी में ही दें। वे कुछ देर रुके, फिर बोले, ''बड़ी मुश्किल है इंसा का इंसा होना''। यह भी कहा कि सियासत में हम कलाकारों से ऊपर भी कुछ ताकतें हैं जिन्हें अमन-चैन पसंद नहीं। यह पूछने पर कि ये ताकतें भारत में हैं या पाकिस्तान में, उन्होंने कहा, ऐसे लोग दोनों मुल्कों में हैं। इन्हीं लोगों में कुछ लोग बहुत प्यारे हैं तो कुछ उनसे कम और कुछ लोग तो एकदम नहीं।
 
कलाकार तो दुनिया भर में मोहब्बत का ही पैगाम देते हैं
आखिर कलाकारों को ही लेकर दोनों मुल्कों में क्यों सियासत होती है? गुलाम अली बोले, ‘‘यह सियासत वाले ही जानें। हम कलाकार तो दुनिया भर में मोहब्बत का ही पैगाम देते हैं। पाकिस्तानी गायक से यह भी पूछा गया कि कुछ समय पूर्व आपने कहा था कि मोदी में वो नूर दिखता है जो किसी और में नहीं, क्या वह नूर बरकरार है, उन्होंने इसका जवाब ''हां'' में दिया।’’
 
चाहने वालों की फरमाइश को नजरअंदाज नहीं करूंगा
कहीं जब गुलाम अली से पूछा गया कि वह मंगलवार को संकट मोचन संगीत समारोह में कौन सी गजल या गीत पेश करेंगे? पाकिस्तान के इस मशहूर कलाकार का जवाब था, कोशिश करूंगा कोई नई चीज सुनाऊं। यह कहने पर कि क्या वह गोस्वामी तुलसीदास की कृति ''विनयपत्रिका'' से जुड़ी होगी तो हामी भरते हुए उन्होंने कहा कि मैं अपने चाहने वालों की फरमाइश को नजरअंदाज नहीं करूंगा।
 
क्या कहते हैं संकट मोचन के महंत?
संकट मोचन के महंत विश्वंभर नाथ मिश्रा ने कहा कि हमें उम्मीद है कि गुलाम अली साहेब तुलसीदास रचित विनय पत्रिका की पंक्तियों को गाकर सुनाएंगे। उन्होंने बताया कि पिछले साल भी गुलाम अली ने भजन गाया था।